Sunday, 25th May 2025

हमने पाक से कहा- लाशें उठा लें, वे फोन उठाने में भी डर रहे थे: सर्जिकल स्ट्राइक पर खुलकर बोले मोदी

Thu, Apr 19, 2018 6:24 PM

मोदी का यह दो दिन का ब्रिटेन दौरा है। लौटते वक्त वे छह घंटे के लिए जर्मनी भी रुकेंगे।

लंदन.नरेंद्र मोदी ने यहां के ऐतिहासिक वेस्टमिंस्टर सेंट्रल हॉल में बुधवार देर रात सर्जिकल स्ट्राइक पर पहली बार खुलकर बात की। पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ भारत की इस कार्रवाई की वे बातें बताईं जो पहले कभी सामने नहीं आई थीं। मोदी ने बताया कि सीमा पार ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद हमने मीडिया से पहले पाकिस्तान आर्मी को बताया। पहले वे डर की वजह से फोन नहीं उठा रहे थे। जब उन्होंने फोन उठाया तो हमने उनसे अपने फौजियों की लाशें उठाने को कहा। बता दें कि 'भारत की बात सबके साथ' कार्यक्रम में मोदी ने 1500 से ज्यादा लोगों से करीब दो घंटे तक बातचीत की।

 

सवाल:जब आपने भारत पर सर्जिकल स्ट्राइक करने का हिम्मतभरा कदम उठाया था, तब आपके मन में कैसी भावना थी?

मोदी: “ सर्जिकल स्ट्राइक भारत का हजारों वर्षों का इतिहास है। किसी भी युग में भारत ने किसी की भी जमीन हड़पने का प्रयास नहीं किया है। बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में हिंदुस्तान के डेढ़ लाख सिपाहियों ने शहादत दी थी। ये बहुत बड़ा बलिदान था। आज भी यूएन की पीस कीपिंग फोर्स में सबसे ज्यादा योगदान करने वाला देश हिंदुस्तान है।"

- "हिंदुस्तान का चरित्र अजेय और विजयी रहने का है, लेकिन किसी के हक को छीनना भारत का चरित्र नहीं है। भगवान राम और लक्ष्मण के लंका छोड़ते वक्त का जो सिद्धांत है, तब भी हमने यही देखा। लेकिन, जब कोई टेररिज्म एक्सपोर्ट करने को उद्योग बना ले, देश के नागरिकों को मार दे, युद्ध लड़ने की ताकत नहीं है, पीठ पर वार करे तो ये मोदी है, उसी भाषा में जवाब देना जानता है।"

- "टैंक में सोये हुए जवानों को कुछ बुजदिल रात में मौत के घाट उतार दे, आप मुझे कहेंगे कि मैं जवाब ना दूं। आप ये कहेंगे कि मैं ईंट का जवाब पत्थर से ना दूं। इसलिए सर्जिकल स्ट्राइक की गई। जो योजना बनी थी, उसे 100 फीसदी अंजाम दिया गया। जिसने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, उसे मीडिया तक पहुंचने से पहले पाकिस्तान को बता दो कि हमने ये ऑपरेशन अंजाम दिया है और अपने फौजियों की लाशें उठा लो। 12 बजे वो टेलिफोन पर आए, हमने उन्हें जानकारी दी। इसके बाद हमने दुनिया को बताया। ये बताने के लिए था कि अब हिंदुस्तान बदल चुका है।”

सवाल:सेना के इतने त्याग के बावजूद हम इस पर राजनीति देखते हैं। सेना की वीरता पर लोग सवालिया निशान उठाते हैं?

मोदी- “मैं इस मंच का उपयोग राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के लिए आलोचना के लिए नहीं करूंगा। मैं प्रार्थना करूंगा कि ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे।"

सवाल:मोदीजी आप पूरी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन क्या अकेले देश बदल पाएंगे?

मोदी: “मैं मेहनत करता हूं, ये बात आपने कही। मैं समझता हूं कि देश में इस विषय पर विवाद नहीं है। मैं मेहनत करता हूं वो मुद्द नहीं है, अगर ना करता तो मुद्दा है। सवा सौ करोड़ देशवासियों ने मुझे क्यों बताया है। ना मेरी कोई चाची है और ना मेरा कोई वंशवाद है। मेरे पास एक ही पूंजी है, कठोर परिश्रम, प्रामाणिकता और मेरे सवा सौ करोड़ देशवासियों का प्यार।"

- "मुझे ज्यादा से ज्यादा मेहनत करनी चाहिए। मैं देशवासियों से कहना चाहूंगा कि मैं भी आपके जैसा ही सामान्य नागरिक हूूं। मुझमें वो सारी कमिया हैं, जो सामान्य आदमी में होती है।"

नोटबंदी पर अर्जेंटीना के प्रधानमंत्री ने कहा था- मेरा दोस्त (मोदी) गया

- पीएम ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा कि देश मैं बदलूंगा, लेकिन ये विश्वास है कि लाखों समस्याएं हैं तो सवा सौ करोड़ समाधान भी है। मिलियन प्रॉब्लम्स हैं तो बिलियन सॉल्यूशन भी हैं। अर्जेंटीना के प्रधानमंत्री मेरे अच्छे मित्र हैं, उन्होंने कहा कि नोटबंदी के वक्त मैं और पत्नी चर्चा करते थे कि मेरा दोस्त गया। 86 फीसदी करेंसी कारोबारी व्यवस्था से गायब हो जाए, लेकिन देशवासियों पर मेरा भरोसा था कि मेरा देश ईमानदारी के लिए जूझ रहा है।"

- " मेरा सामान्य आदमी कष्ट झेलने को तैयार है। ये मेरे देश की ताकत है तो मुझे अपनी जिंदगी इस ताकत के अनुरूप ढालना चाहिए। दरअसल, मोदी की जरूरत है, मुझपर पत्थर फेंकते हैं, कचरा फेंकते हैं, गालियां देते हैं, मैं अकेला हूं झेलता रहता हूं। मैंने कभी लिखा था- जो लोग मुझे पत्थर फेंकते हैं, मैं उस पत्थरों से ही रास्ता बना देता हूं और उसी पर आगे बढ़ता हूं। मेरा कॉन्सेप्ट टीम इंडिया का रहा है। सरकार रुकावट बनना बंद कर दे ना तो भी देश आगे बढ़ जाता है।”

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