Thursday, 22nd May 2025

BSE ने ITC का मार्केट कैप 75000 करोड़ रुपए घटाया, लेकिन सेंसेक्स बेअसर

Wed, Apr 18, 2018 5:43 PM

नई दिल्ली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट पर एफएमसीजी कंपनी ITC के फ्री फ्लोट बाजार पूंजीकरण में मंगलवार को बड़ा बदलाव किया गया है। सोमवार को सुबह करीब 10 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट पर आइटीसी का फ्री फ्लोट बाजार पूंजीकरण 3,20,972 करोड़ रुपए था।

 

इसे आज अचानक 75,895 करोड़ रुपए कम करके 2,45,077 करोड़ रुपए कर दिया गया। गौरतलब है कि किसी कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन उसके ट्रेड के लिए उपलब्ध कुल शेयरों की संख्या को शेयर के बाजार भाव से गुणा करने पर मिलता है।

 

ITC के बाजार पूंजीकरण में बदलाव का कारण या इससे जुड़ा कोई भी आधिकारिक बयान अभी तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ओर से जारी नहीं किया गया है। इस बदलाव से पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर ITC के बाजार पूंजीकरण में 1 लाख करोड़ रुपए का अंतर था।

 

NSE और BSE की वेबसाइट पर फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन में 1 लाख करोड़ का अंतर दिखने के बाद हमने दोनों एक्सचेंज से इसका कारण जानने की कोशिश की। जवाब में बीएसई ने वेबसाइट पर डेटा अपडेट करने की जानकारी दी। मगर, इसका कोई कारण या स्पष्ट वजह नहीं बताई।

विशेषज्ञ का नजरिया

 

इंडेक्स जीनियस इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के निदेशक (रिसर्च) अमित हारचेकर से जब हमने इस विषय में बात की, तो उनका कहना था एक्सचेंज पर अचानक किसी हेवीवेट स्टॉक के मार्केट कैपिटलाइजेशन में इतना बड़ा बदलाव निश्चिततौर पर चौंकाने वाला है और इसकी जांच होनी चाहिए।

उनका मानना है कि ITC की फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन में अगर वाकई यह गिरावट आई है, तो इसका असर सेंसेक्स और एक्सचेंज के तमाम उन इंडेक्स पर आना चाहिए, जिसमें आईटीसी की हिस्सेदारी है। अमित के मुताबिक 3,20,972 करोड़ के बाजार पूंजीकरण के हिसाब से सेंसेक्स में आईटीसी का वेटेज 9.5 फीसद था, जो नए 2,45,077 के हिसाब से करीब 7 फीसद हो जाना चाहिए।

सेंसेक्स में भारी भरकम हिस्सेदारी रखने वाले ITC के बाजार पूंजीकरण में एकाएक 75895 करोड़ रुपए का बदलाव निश्चित तौर पर कई सवाल खड़े करता है। मसलन,

 

  • ITC के बाजार पूंजीकरण में इस बड़े बदलाव की क्या वजह है?
  • ITC के बाजार पूंजीकरण में इस बदलाव का असर क्या बुधवार के सत्र में सेंसेक्स पर दिखेगा? क्योंकि इंडेक्स का निर्माण कंपनी की फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से होता है। बाजार पूंजीकरण में गिरावट के बाद सेंसेक्स में गिरावट स्वाभाविक है।
  • सेंसेक्स के साथ साथ तमाम उन इंडेक्स पर भी क्या इसका असर दिखेगा जिसमें आईटीसी की हिस्सेदारी है।
  • देश के दोनों एक्सचेंज (NSE और BSE) का एक ही नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) है, ऐसे में यह स्वाभाविक है कि दोनों एक्सचेंज के कामकाज करने के नियम भी समान हैं। फिर ऐसा कैसे संभव हो सकता है कि किसी कंपनी के बाजार पूंजीकरण में इतना अंतर था? क्या नियामक इस मुद्दे पर जांच करेगा?

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