भोपाल.दलित बंद और हिंसा के दौरान मध्यप्रदेश में हुई मौतों और बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा देने के फैसले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को नागपुर में आरएसएस मुख्यालय पहुंचकर मोहनराव भागवत और सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी को सफाई दी। सूत्रों के मुताबिक शिवराज ने बताया कि आंदोलन का इंटेलिजेंस इनपुट था। लेकिन दोनों वर्ग लड़ने लगेंगे, इसकी संभावना नहीं थी। बाबाओं के मामले में सीएम कुछ ज्यादा नहीं बोल पाए। जबकि संघ के पास फीडबैक था कि राज्य सरकार ने दलित आंदोलन को सही तरीके से हैंडल नहीं किया। एक दिन पहले आरएसएस और भाजपा की भोपाल में हुई समन्वय बैठक में इस मसले पर चर्चा के बाद भाजपा सह संगठन महामंत्री सौदान सिंह को साथ लेकर मुख्यमंत्री आनन-फानन में नागपुर संघ मुख्यालय पहुंचे। यहां को दो मामलों की जानकारी दी।
बाबाओं के मामले को आरएसएस ने बताया था गलत
- बता दें कि भोपाल में हुई समन्वय बैठक में भी विश्व हिंदू परिषद ने बाबाओं के मामले में कहा था कि यह भाजपा सरकार का यह गलत फैसला है।
- बैठक में आरएसएस के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल और भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल मौजूद रहे। इसी के बाद मुख्यमंत्री ने नागपुर जाकर सरकार व बाबाओं के मसले पर लिए गए फैसले पर पक्ष रखा। भाजपा के भीतर भी बाबाओं के मामले में लिए गए फैसले से नाराजगी थी।
ग्वालियर, मुरैना, भिंड में फायरिंग से हुई थी 7 की मौत, 51 पुलिसकर्मियों सहित 175 से ज्यादा हुए थे घायल
- एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान ग्वालियर-चंबल अंचल में फायरिंग, पथराव और फिर पुलिस के लाठीचार्ज में 7 लोग मारे गए थे जबकि 175 से ज्यादा घायल हुए थे।
- उपद्रवियों ने अंचल में छोटे-बड़े करीब 200 वाहनों में तोड़फोड़ की थी। हालात बेकाबू होने पर प्रशासन को ने ग्वालियर, भिंड और मुरैना के कई एरिया में कर्फ्यू लगा दिया गया था। हालांकि अभी भी हालात सामान्य नहीं हैं।
- हिंसा में ग्वालियर में दो, डबरा और मुरैना में एक-एक, भिंड में तीन लोगों की मौत हुई थी।
‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ निकालने का एलान करने वाले बाबाओं को मिला राज्यमंत्री का दर्जा
- 2 जुलाई 2017 को 6.67 करोड़ पौधे लगाने के दावे को महाघोटाला करार देकर ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ निकालने का एलान करने वाले पांच बाबाओं को सरकार ने 3 अप्रैल को राज्यमंत्री के दर्जे से नवाजा था।
- बता दें कि बाबाओं के नेतृत्व में 28 मार्च को संत समाज के साथ बैठक में फैसला लिया गया था कि प्रदेश के 45 जिलों में 6.5 करोड़ पौधों की गिनती कराई जाएगी। अब सरकार के राज्यमंत्री बनाते ही बाबाओं के सुर बदल गए हैं, उन्होंने कहा है कि अब हम घाटों पर जनजागरण करने जाएंगे।
- जिन बाबाओं को शिवराज सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया है उनमें नर्मदानंदजी, हरिहरानंदजी, कंप्यूटर बाबा, भय्यू महाराज और पं. योगेंद्र महंत शामिल हैं।
- इन बाबाओं को प्रदेश सरकार की ओर से 7500 रुपए मासिक वेतन, गाड़ी और 1000 किमी का डीजल, 15000 रुपए मकान का किराया, 3000 रु. सत्कार भत्ता, स्टाफ रखने और अपना पीए रखने जैसी सुविधाएं मिल रही है।
बाबाओं ने कब और क्या एलान किया था?
संत समाज की बैठक इंदौर के गोम्मटगिरि स्थित मां कालिका आश्रम में 28 मार्च को हुई थी। इसमें तय हुआ था कि 1 अप्रैल से 15 मई तक नर्मदा घोटाला रथ यात्रा निकाली जाए। इस रथयात्रा के नेतृत्व कंप्यूटर बाबा करेंगे, जबकि आयोजक पंडित योगेंद्र महंत होंगे। महंत ने यह एलान किया था कि नर्मदा घोटाले पर हुए महाघोटाले का खुलासा करने के लिए रथ यात्रा निकाली जाएगी। भोपाल सचिवालय में संत धरना देंगे।
मोदी का मंत्र : सांसद गांव में रात भी बिताएं
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह समेत मप्र के सांसदों-विधायकों से एक साथ फोन पर बात की। उन्होंने सभी से गांव-गांव जाने और वहीं रात बिताने को कहा, ताकि ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी मिले और उनसे सीधा संपर्क बढ़ाया जा सके।
- भोपाल सांसद आलोक संजर ने बताया कि सुबह 11 बजे शुरू हुई बातचीत में सभी राज्यों के भाजपा सांसद-विधायक शामिल रहे। उन्होंने वादा किया कि 22 अप्रैल को वे फिर सभी विधायकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात करेंगे, ताकि एक-दूसरे को देखकर बात हो सके।
2 मई तक ये कार्यक्रम होंगे
- दो दिन बाद 20 अप्रैल को पंचायतों में नए गैस कनेक्शन वितरण कर उज्जवला योजना का बढ़ाना है।
- 28 अप्रैल को ग्राम शक्ति अभियान के कार्यक्रम विकास खंडों पर होंगे। सरकारी योजनाओं के हितग्राहियों को इससे जोड़ना है।
- पंचायत केंद्रों पर आयुष्मान भारत अभियान के आयोजन 30 अप्रैल को होंगे।
- 2 मई को किसान कल्याण कार्यशाला ब्लॉक स्तर पर आयोजित की जाएगी। साथ ही 5 मई को आजीविका एवं कौशल विकास मेले राष्ट्रीय एवं देश के 4 हजार ब्लॉक में होंगे।
जनता के सामने पक्ष रखने को कहा
- मोदी ने 14 अप्रैल से प्रारंभ हो रहे ग्राम स्वराज अभियान को गांव की हर चौपाल तक पहुंचाने को कहा।
मायने : गांवों में सामाजिक समरसता बढ़ाना और ग्रामीणों तक सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाना।
- 18 अप्रैल को स्वच्छ भारत पर्व में गांवों की सफाई होगी। नेता, विधायक और सांसद लोगों के साथ भोजन करें। यहीं रात गुजारें।
मायने :ताकि नेताओं का जनता से सीधा संपर्क हो और विपक्ष के आरोपों पर अपना पक्ष रखा जा सके।
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