नई दिल्ली। देश में आज फिर आरक्षण के खिलाफ बुलाए गए बंद का असर दिखने लगा है। बिहार में बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर बवाल मचाया है। खबरों के अनुसार गया में बंद के समर्थन में सड़कों पर उतरे लोग हिंसक होने लगे और ऐसे में भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए आंसू गैस के गोले भी छोड़े। मुगलसराय मंडल के गया-मानपुर रेलखंड पर प्रदर्शनकारियों ने हंगामा किया है। इसे देखते हुए रेलवे सुरक्षा बल ने मोर्चा संभाल लिया है। ट्रेनें विभिन्न रेलवे स्टेशन पर रुकीं, मुगलसराय में भी अलर्ट।
बता दें कि 2 अप्रैल को एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ भारत बंद में भड़की हिंसा के बाद आज जातिगत आरक्षण के खिलाफ कुछ संगठनों ने भारत बंद बुलाया है। इसके चलते केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश जारी करते हुए सतर्क रहने के लिए कहा है।
पिछले बंद के दौरान मध्य प्रदेश और मेरठ में खूब हिंसा भड़की थी। इस दौरान मध्य प्रदेश के भिंड और मुरैना में 10 लोगों की जान चली गई थी। इसे देखते हुए आज इन शहरों में इंटरनेट एहतियातन बंद कर दिया गया है। कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं राजस्थान में भी इंटरनेट बंद करने के साथ ही धारा 144 लागू कर दी गई है।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर हिंसक प्रदर्शनों को रोकने के लिए एहतियातन कदम उठाने को कहा है। इस बंद की खास बात यह है कि इसका अह्वान किसी एक या दो संगठनों ने नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर की गई अपील में किया गया है।
गृह मंत्रालय ने बंद को लेकर जारी की अपनी एडवायजरी में यह भी साफ कर दिया है कि बंद के दौरान हिंसक घटनाओं के लिए उस क्षेत्र के एसएसपी और डीएम जिम्मेदार होंगे। मालूम हो कि दलित उत्पीड़न कानून को कथित तौर पर कमजोर करने के खिलाफ दो अप्रैल को दलित संगठनों की ओर से आयोजित भारत बंद के दौरान हिंसक झड़पों में कई लोग मारे गए थे।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर जाति के आधार पर आरक्षण के विरोधी कई संगठनों ने मंगलवार को भारत बंद का आह्वान किया है। सोशल मीडिया पर इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वाट्सएप पर इस मैसेज को खूब शेयर किया जा रहा है और लोगों से भारत बंद का समर्थन करने की अपील की जा रही है। इसे देखते हुए सभी राज्य सरकारों को सुरक्षा चाक चौबंद करने और हिंसा रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है। इसमें संवेदनशील स्थानों पर गश्त बढ़ाना और बंद के दौरान उत्पात की आशंका वाली जगहों पर पुलिस बल की तैनाती शामिल है।
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि इस दौरान किसी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं होना चाहिए। यदि किसी क्षेत्र में ऐसा होता है तो उसके लिए सीधे तौर पर उस इलाके के एसएसपी और डीएम को जिम्मेदार माना जाएगा।
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