इंदौर । अब आधार कार्ड को मतदाता पहचान-पत्र (वोटर कार्ड) से जोड़ा जाएगा। इससे मतदान में होने वाली गड़बड़ियां कम होंगी। साथ ही मतदाता सूची में गलत जुड़े नाम हटाए जाएंगे। यह बात राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत ने सोमवार को कमिश्नर कार्यालय में राजनीतिक दलों की बैठक में कही।
उन्होंने बताया कि आधार कार्ड को मतदाता पहचान-पत्र से जोड़ने के लिए राजनीतिक दलों ने सुझाव रखा है, जिसे मान लिया है। इस पर शीघ्र कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने दो घंटे में आठ मान्यता प्राप्त दलों के प्रमुखों से मुलाकात की। भाजपा ने इंदौर सहित अन्य जगहों पर रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों का मुद्दा उठाया। वहीं कांग्रेस के नगर अध्यक्ष ने ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराने की बात कही। इस दौरान संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एसएस बंसल, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह, संभागायुक्त संजय दुबे, कलेक्टर निशांत वरवड़े भी मौजूद थे।
पुराने प्रकरण पर टाली बातः सभी चुनाव एक साथ किए जाने की बात पर रावत ने कहा कि संविधान में संशोधन होने के बाद ही ऐसा हो सकता है। इसके अलावा उन पर चल रहे प्रकरण पर उन्होंने बताया कि उन्हें प्रकरण की जानकारी ही नहीं है। वे इस मामले से अनजान बनते नजर आए और मुस्कराते हुए बात टाल दी।
मतदाता सूची में जुड़े कई गलत नाम
विधानसभा क्षेत्र तीन की विधायक उषा ठाकुर के अनुसार उन्हीं के क्षेत्र में कई ऐसे मतदाताओं के नाम सूची में हैं जो अब क्षेत्र में रहते ही नहीं हैं। क्षेत्र एक के विधायक सुदर्शन गुप्ता ने आयोग को वार्ड 12, 8, 9 और 10 में फर्जी मतदाताओं की सूची सहित वार्ड 13, 14, 15, 16 और 17 में बसी नई कालोनियों की भी सूची सौंपी। मतदान केंद्रों पर बीएलओ के उपस्थित नहीं होने की शिकायत भी दर्ज कराई। भाजपा नगर अध्यक्ष कैलाश शर्मा ने आयोग के सामने बांग्लादेशी नागरिकों के मतदाता सूची में शामिल होने का मामला उठाते हुए कहा कि ऐसे लोग कहां के मूल निवासी हैं, गंभीरता से इसकी जांच की जाए।
Comment Now