Sunday, 25th May 2025

दलितों के लिए राहुल का अनशन: कांग्रेस ने सिख विरोधी दंगों के आरोपी टाइटलर, सज्जन को स्टेज से उतारा

Tue, Apr 10, 2018 5:41 PM

नई दिल्ली.दलितों पर अत्याचार के खिलाफ सोमवार को कांग्रेस ने देशभर में एक दिन का अनशन किया। राहुल गांधी भी राजघाट पर उपवास के लिए बैठे। हालांकि, उनसे पहले 1984 दंगों में आरोपी रहे जगदीश टाइटलर और सज्जन सिंह भी कार्यक्रम में पहुंच गए, लेकिन अजय माकन से बात करने के बाद दोनों नेता स्टेज छोड़कर चले गए। बताया गया कि दोनों नेताओं को मंच से जाने को कहा गया था। उधर, कुछ कांग्रेस नेताओं के छोले-भटूरे खाते एक फोटो भी वायरल हुई। इस पर अरविंदर सिंह लवली ने उपवास से पहले नाश्ता करने की बात मान ली। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस के उपवास को दलितों का उपहास बताया। बता दें कि एससी/एसटी एक्ट में बदलाव और उसके बाद 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा को लेकर दलित संगठनों में आक्रोश है। राहुल ने इस बंद का समर्थन किया था।

 

 

 

उपवास में 2 घंटे की देरी से पहुंचे राहुल

- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, राजघाट पर अनशन का वक्त सुबह 11 बजे तय किया गया। शीला दीक्षित, अजय माकन समेत कई नेताओं ने बापू की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित कर उपवास शुरू किया। हालांकि, राहुल गांधी दोपहर 1 बजे राजघाट पहुंचे। कांग्रेस नेताओं का उपवास शाम 5 बजे तक चलेगा।

टाइटलर-सज्जन सिंह उपवास से लौटे

- राहुल गांधी के आने से पहले जगदीश टाइटलर और सज्जन सिंह भी राजघाट पहुंच गए, लेकिन कुछ ही देर में कार्यक्रम से बाहर निकलते दिखे। यहां टाइटलर और दिल्ली के कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन के बीच कुछ बातचीत भी हुई।

- न्यूज एजेंसी ने नाम जाहिर नहीं करना चाह रहे पार्टी के एक नेता के हवाले से बताया कि टाइटलर और सज्जन से कहा गया था कि वे मंच पर ना बैठें।

- इसके बाद टाइटलर ने कहा, ''1984 के दंगा केस में उन्हें सीबीआई की ओर से क्लीन चिट मिल चुकी है, अब उनके खिलाफ कोई केस नहीं है। मैंने माकन से राहुल गांधी के आने के बारे में सवाल पूछा था।''

कांग्रेस: मोदी सरकार में समाजिक सद्भाव पर खतरा

- रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''मोदी सरकार में देश के सभी समाजों के बीच सद्भाव और भाईचारे पर खतरा है। वो समाज को बांटना चाहते हैं। इसीलिए कांग्रेस का यह नैतिक कर्तव्य है कि ऐसी ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़े। इसी उद्देश्य से आज यहां जुटे हैं।''

भाजपा: दलितों के साथ तुष्टीकरण की राजनीति हुई

- संबित पात्रा ने कहा, ''कांग्रेस ने बाबा साहब और दलितों के साथ तुष्टीकरण की राजनीति की। उनकी सच्चाई सामने आ चुकी है और पोल खुल गई है। राहुल गांधी आज उपवास नहीं दलितों का उपहास कर रहे हैं। भाजपा पहले राहुल जी से पूछना चाहती है कि आपने कर्नाटक के दलितों के लिए क्या किया? ये फास्ट नहीं फास्ट ट्रैक है, राहुल गांधी की राजनीति को चमकाने के लिए। कांग्रेस इसके लिए किसी भी हद तक जा सकती है।''

12 को भाजपा-एनडीए सांसदों का उपवास

- उधर, भाजपा के सांसद भी तीन दिन बाद 12 अप्रैल को अपने संसदीय क्षेत्रों में उपवास रखेंगे। भाजपा ने बजट सत्र के दूसरे चरण में संसद नहीं चलने देने के लिए कांग्रेस समेत विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया है।
- सत्र के आखिरी दिन संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा था कि कांग्रेस दलित हिंसा को सपोर्ट कर देश को बांट रही है। एनडीए सांसद उपवास कर कांग्रेस की नीतियों से जनता को अवगत कराएंगे।

कांग्रेस का दलित सम्मेलन 23 अप्रैल को

- लोकसभा चुनाव से पहले दलितों को एकजुट करने के लिए कांग्रेस 23 अप्रैल को तालकटोरा स्टेडियम में पार्टी के अनुसूचित जाति विभाग का सम्मेलन करेगी। इसे पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी संबोधित करेंगे। सम्मेलन में 10 हजार से ज्यादा दलित नेताओं के पहुंचने की संभावना है।

छोले-भटूरे खाते कांग्रेसियों की तस्वीर हुई वायरल

- कांग्रेस के एक दिन के अनशन के बीच एक तस्वीर सामने आई। इसमें दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन, अरविंदर सिंह लवली और हारून यूसुफ कुछ पार्टी नेताओं के साथ रेस्टोरेंट में छोले-भटूरे खाते दिखाई दे रहे हैं। तस्वीर दिल्ली के भाजपा नेता हरीश खुराना ने जारी की, जो सोशल मीडिया में वायरल हो गई। 
- इस पर चुटकी लेते हुए दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि कांग्रेस नेता तीन घंटे भी बिना खाए नहीं रह पाए। 
- फोटो जारी करते हुए खुराना ने ट्वीट किया, "‘वाह रे हमारे कांग्रेस के नेता। लोगों को राजघाट पर अनशन के लिए बुलाया है और खुद रेस्टोरेंट में बैठकर छोले-भटूरे के मजे ले रहे हो। सही बेवकूफ बनाते हो।''

 

यह तो सांकेतिक उपवास था: कांग्रेस नेता
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली ने सफाई देते हुए कहा- ''जो फोटो सामने आई है, वह सोमवार सुबह 8 बजे की है। पार्टी ने सांकेतिक उपवास के लिए 10.30 से 4.30 बजे तक का वक्त तय किया था। यह कोई अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल नहीं है। इसमें इन लोगों (भाजपा) को क्या परेशानी है? देश में छाई गरीबी की बजाय उन्हें इस बात की चिंता है कि हम लोग क्या खा रहे हैं?''
- वहीं, अजय माकन ने कहा कि क्या 11 बजे से पहले खाना खाना गुनाह है?

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