रायगढ़. नेहरू युवा केंद्र रायगढ़ नारी शक्ति संगठन के संयुक्त तत्वाधान में आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत कुनकुनी में नारी अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के छायाचित्र पर मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात समस्त अतिथियों का स्वागत समिति के सदस्यों द्वारा पुष्पहार से किया गया। यशोदा यादव ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा नारी के बिना पुरुष की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती। ईश्वर ने नारी को सहज और सरल बनाया है, कोमल बनाया है, हम खुद को आधुनिक कहने लगे हैं, लेकिन सच यह है कि मार्डनाईजेशन सिर्फ हमारे पहनावे में आया है, पर विचारों से हमारा समाज आज भी पिछड़ा हुआ है। नई पीढ़ी की महिलाएं तो स्वयं को पुरुषों से बेहतर साबित करने का एक भी मौका गवाना नहीं चाहती, लेकिन गांव और शहर की दूरी को मिटाना जरूरी है। हमें दूरस्थ गांव में रहने वाली महिलाओं के जीवन स्तर पर ध्यान देना होगा। इसी क्रम में नेहरू युवा केंद्र के राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक कुमारी आशा सिदार ने भी उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा। नशा एक ऐसी बुराई है जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। नशे के लिए समाज में शराब गांजा ,भांग, अफीम ,जर्दा, गुटखा ,तंबाकू और गुटखा बीड़ी ,सिगरेट जैसे घातक मादक दवाओ और पदार्थों के सेवन से व्यक्तियों को शारीरिक मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचाने के साथ ही इसमें सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता है साथ ही स्वयं और परिवार की सामाजिक व आर्थिक स्थिति को भी बहुत नुकसान पहुंचाता है नशा एक अभिशाप है।
नारी सशक्तिकरण शहरों तक सिमित
श्रमजीवी महिला सहयोग समिति की कार्यकारिणी सदस्य रथबाई राज ने भी महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा। दुर्भाग्य की बात है कि नारी सशक्तिकरण की बातें और योजनाएं केवल शहरों तक ही सिमट कर रह गई है। एक और बड़े शहरों और मेट्रोसिटी मे रहने वाली महिलाएं शिक्षित आर्थिक रुप से स्वतंत्र नई सोच वाली ऊंचे पदों पर काम करने वाली महिलाएं हैं जो पुरुषों के अत्याचारों को किसी भी रुप से सहन नहीं करना चाहती। इस बात को महसूस किया जाने लगा है कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरो पर महिलाएं निश्चित रूप से राजनीतिक शक्ति बनकर उभर रही है।
अपने हक के लिए करे अवाज बुलंद
डिग्री लाल सिदार ने भी महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा महिलाएं संगठित हो जाएं और संगठित होकर कोई भी कार्य को करने लगे तो निश्चित रूप से सफलता मिलती है। उन्होंने फूलवासन यादव के जीवन के संघर्षों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि महिलाएं अपने अधिकार को जाने और अपने हक के लिए आवाज बुलंद करें। ग्राम विकास के लिए संघर्षरत रहे हमारा गांव नशा मुक्त हो। इस परिकल्पना को साकार करने के लिए महिलाएं संगठित हो रही है।
Comment Now