भोपाल.चंबल व ग्वालियर संभाग के जिन इलाकों में दलित बंद के दौरान हिंसा भड़की थी और 8 मौतें हुईं थीं, उन जिलों में अब मुख्य सचिव बीपी सिंह और डीजीपी ऋषि शुक्ला साथ में जाकर पड़ताल करेंगे कि आखिर हालात क्यों बिगड़े। नगरीय विकास मंत्री माया सिंह ने ग्वालियर एसपी को लेकर कैबिनेट की अनौपचारिक चर्चा में जो आरोप लगाए थे, उसकी भी जांच सीएस और डीजीपी करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को सीएम निवास में सुबह कानून व्यवस्था को लेकर प्रशासन और पुलिस के शीर्ष अफसरों के साथ बैठक की।
शांतिपूर्ण माहौल के लिए हिंसा ठीक नहीं : शिवराज
मुख्यमंत्री इस बात से चिंतित थे कि जातियों के बीच भेदभाव कैसे बढ़ रहा है। यह मप्र के शांतिपूर्ण माहौल के लिए ठीक नहीं है। ऐसा क्यों हो रहा है? इसके पीछे कौन है? इसकी गहराई से जानकारी ली जाए। संभवत: शुक्रवार से तीन दिन के लिए सीएस और डीजीपी ग्वालियर, भिंड और मुरैना जाएंगे। इन्हीं जगहों पर गोलियां चलीं और मौतें हुईं। मुख्यमंत्री ने दोनों अधिकारियों से कहा कि 10 अप्रैल को सर्वण जातियों के बंद को लेकर, जो चर्चाएं हैं, उसकी पहले से प्लानिंग हो। इसमें किसी भी तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसका रोडमेप भी बना लें, क्योंकि जिन इलाकों में हिंसा ने बड़ा रूप लिया था वे इलाके उत्तर प्रदेश से सटे हुए हैं। इसलिए दोबारा किसी भी तरह की संभावना नहीं बनना चाहिए। पुलिस व अतिरिक्त बलों की तैनाती के साथ समाज के प्रमुख लोगों से भी बात की जाए। 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती पर होने वाले कार्यक्रमों पर भी ध्यान रखा जाए।
इधर, फूल सिंह बरैया ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र
बहुजन संघर्ष दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष फूल सिंह बरैया ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि मप्र के चंबल व ग्वालियर संभाग में अजा व अजजा के लोगों के मोहल्लों, परिवारजनों और संबंधियों को कर्फ्यू के नाम पर पुलिस परेशान कर रही है। उन्हें न्याय व सुरक्षा दी जाए। साथ ही आंदोलन में मारे गए लोगों को एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा दिया जाए।
सोशल मीडिया पर जवाब दें
सीएम ने सीएम सचिवालय और सीएम निवास के अधिकारियों के साथ अलग से बैठक की। इसमें काउंटर पॉलिसी के तहत कहा गया कि किसी भी आंदोलन या अन्य मामलों में सोशल मीडिया पर विरोध होता है तो उसका जवाब दें।
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