Thursday, 22nd May 2025

सोशल मीडिया पर मुद्दा गरमाया था फिर भी चूक गया इंटेलीजेंस

Tue, Apr 3, 2018 6:45 PM

भोपाल। भारत बंद आंदोलन का मुद्दा सोशल मीडिया पर कई दिनों से गरमाया था, फिर भी इंटेलीजेंसी सटीक सूचनाएं नहीं जुटा पाया। मंदसौर किसान आंदोलन के बाद एक बार फिर मप्र पुलिस के खुफिया तंत्र के नाकाम होने की बात सामने आई।

पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि तीनों जिलों में फैली हिंसा बंद समर्थक और विरोधियों की आपसी झड़प व फायरिंग के कारण हुई। साथ ही बताया कि आंदोलन के उग्र और हिंसक होने में सोशल मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पुलिस मुख्यालय के आईजी इंटेलीजेंस मकरंद देउस्कर ने पत्रकारों से उग्र हुए आंदोलन को लेकर कहा कि कुछ दिनों से फेसबुक-वाट्सएप पर सोशल मीडिया में आरक्षण की पोस्ट ट्रेंड बन गई थीं। इसे संज्ञान में लेकर ही मप्र में अलर्ट किया गया था।

जब उनसे पूछा गया कि ग्वालियर, मुरैना और भिंड में आंदोलन हिंसक होने के पहले कितना अतिरिक्त पुलिस बल दिया गया था तो उन्होंने बताया कि एसएएफ की कंपनियां दी गईं।

वहीं सूत्रों का कहना है कि एससी-एसटी अधिनियम में बदलाव के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही सोशल मीडिया पर मुद्दा काफी दिनों से गरमाया हुआ था, लेकिन इसके बाद भी मध्यप्रदेश पुलिस का खुफिया तंत्र इसकी प्रतिक्रिया की सटीक सूचनाएं नहीं जुटा सका। इससे विस्फोटक स्थिति बनी।

देउस्कर ने बताया कि अभी पुलिस कानून व्यवस्था में लगी है और उपद्रवियों के खिलाफ अभी आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किए जा सके हैं। इनके अलावा सागर, बालाघाट और दतिया जिलों में धारा 144 लागू की गई है। वहीं, विशेष सशस्त्र बल की 16, आरएएफ की 4, एसटीएफ की दो कंपनियां और तीन हजार नव प्रशिक्षित आरक्षकों को संबंधित जिलों में भेजा गया है।

दीक्षांत लेते ही 550 डीएसपी-एसआई रवाना

मप्र पुलिस अकादमी के प्रभारी एडीजी सुशोभन बनर्जी ने बताया कि बंद समर्थन और विरोधियों के बीच हिंसक आंदोलन के कारण सोमवार को दीक्षांत समारोह में पास आउट डीएसपी और उप निरीक्षकों को तुरंत ग्वालियर के लिए रवाना कर दिया गया।

करीब 550 डीएसपी और उप निरीक्षकों को यहां से रवाना किया है। महिला डीएसपी और उप निरीक्षक को नहीं भेजा गया है। गौरतलब है कि पासिंग आउट परेड के बाद बैच के अधिकारियों को अवकाश की पात्रता होती है लेकिन ग्वालियर भेजे गए ट्रेनिंग पूरी करने वाले डीएसपी और सूबेदार व उपनिरीक्षकों के अवकाश को स्थगित कर दिया है। ये अवकाश उन्हें बाद में दिया जाएगा।

शांति बनाए रखें

भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन फाइल कर दी गई। जनता से अनुरोध है कि वह कृपया शांति बनाए रखें। हमारी सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। 

 

- शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मप्र

सतर्कता बरतने के निर्देश दिए

हर वर्ग से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। हमें गुस्से में आकर कोई भी गलत काम नहीं करना चाहिए। केंद्र सरकार ने पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी है। पुलिस अफसरों को निर्देश दिए हैं कि वे पूरी सतर्कता और जिम्मेदारी से काम करें। इस माहौल का फायदा असामाजिक तत्व न उठा पाएं। 

 

- भूपेंद्र सिंह, गृह मंत्री, मप्र

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery