ओंकारेश्वर ।भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के साधारण द्वार के नीचे खुदाई कर सभामंडप का निर्माण किया जाना है। शुरुआत में ही खुदाई के दौरान सभा मंडप निकला है जो मंदिर कार्यालय के नीचे तक है। अधिकारियों के खुदाई कार्य बंद करवाकर ऊपर बने भवन को सुरक्षित करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
केंद्रीय प्रसादम योजना अंतर्गत मप्र पर्यटन विभाग द्वारा ओंकारेश्वर मंदिर के साधारण द्वार पर दर्शन करने की सुविधाओं को सुगम बनाने के लिए दो मंजिला सभा मंडप का निर्माण किया जाना है। इसी के तहत रविवार से साधारण द्वार के नीचे खुदाई शुरू की गई है। पहले दिन की खुदाई में छोटा सा मंदिर दिखा था। सोमवार को खुदाई करने के दौरान यह छोटा सा मंदिर बड़ा-सा सभा मंडप निकलने से अधिकारियों के साथ ही मंदिर ट्रस्ट भी अचरज में पड़ गए। इसके ऊपर ही मंदिर ट्रस्ट का तीन मंजिला भवन बना हुआ है। खुदाई के दौरान निकले सभा मंडप के पिलर और उस पर रखे पत्थर के ढांचे टूट चुके हैं। इसके कारण मंदिर कार्यालय भवन कभी भी गिर सकता है। इसे देखते हुए पर्यटन विभाग के अधिकारी सोमवार को ओंकारेश्वर पहुंचे। उन्होंने जांच पूरी करने के बाद खुदाई का काम रुकवा दिया। साथ ही कार्यालय की दीवार को मजबूत करने के लिए पत्थरों से जुड़वाकर मजबूत कर दिया।
विदित हो कि खुदाई में निकले सभा मंडप के ऊपर वर्ष 2006 में ओंकारेश्वर बांध निर्माण करने वाली जेपी कंपनी ने ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट का तीन मंजिला कार्यालय बना दिया था। खाई को भरने के लिए मलबा और बड़े-बड़े पत्थर डाल दिए थे। सोमवार को पर्यटन विभाग के अधिकारी जब सभा मंडप के लिए खोदे गए स्थान पर अंदर जाकर देखा तो ऊपर बना भवन जिस पर टिका हुआ था वह पूरी तरह टूट चुका है। इसे देखते हुए पर्यटन विभाग ने मंदिर ट्रस्ट को तीन कमरों को खाली करने के लिए कह दिया। वहीं कार्यालय तोड़ने का निर्णय मंदिर ट्रस्ट द्वारा लिया जाएगा। लोगों का कहना है कि भगान ओंकारेश्वर की कृपा से मंदिर कार्यालय जमींदोज नहीं हुआ। यदि कार्यालय भवन गिर जाता तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।
सोमवार को पर्यटन विभाग के इंजीनियर निलेश संगते, आशीष चौधरी ने बताया कि मुख्य मंदिर को किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। सीढ़ियों के नीचे जो मंदिरनुमा सभामंडप के रूप में निकला है उसी के ऊपर मंदिर ट्रस्ट का कार्यालय बना हुआ है उसे तोड़कर नीचे तक जाना होगा। पर्यटन विभाग श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं करेगा। अगर इसी प्रकार नीचे का पूरा क्षेत्र खोखला रहा तो ट्रस्ट का तीन मंजिला भवन भी तोड़ना पड़ सकता है। जब तक नीचे न्यून चट्टानें नहीं आएंगी तब तक नए सभा मंडप का निर्माण कार्य शुरू नहीं होगा। वर्तमान में सबसे ज्यादा सुरक्षा श्रद्धालुओं की है। इसे देखते हुए खुदाई रुकवाने के साथ ही साधारण द्वार के आसपास सीढ़ियों पर तीन के पतरे लगाकर बेरिकेटिंग कर दिया गया है। श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए काशी द्वार के तरफ से मंदिर में पहुंचाया जा रहा है। फिलहाल मंदिर ट्रस्ट का कार्यालय जमींदोज नहीं हो इसके लिए उसके नीचे और आसपास पत्थरों की जुड़ाई कर मजबूत किया जा रहा है।
इधर राजपरिवार के राजा पुष्पेंद्रसिंह भी सोमवार को ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचे। उन्होंने भी खुदाई के दौरान निकली मंदिरनुमा गुफा का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में एक ही स्वयभू ज्योतिर्लिग ओंकारेश्वर में है। इसलिए मंदिर के आसपास जो भी कार्य श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए किए जा रहे हैं उसमें पूर्ण सतर्कता बरती जाएगी। सभी निर्माण कार्य हो उसमें सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही विशेषज्ञों की उपस्थिति में हो। अभी तो खुदाई में एक ही सभा मंडप निकला है। आसपास की खुदाई में इस प्रकार के मंदिर और भी निकल सकते हैं। ओंकारेश्वर मंदिर के समीप ही जूना महल, द्वारकाधीश मंदिर सहित अन्य प्राचीन मंदिर बने हुए हैं। राजा पुष्पेंद्रसिंह ने कहा कि जूना महल भी काफी पुराना है। इसमें पूर्व में जो राजा रहे होंगे उनकी अनमोल संपत्तियां भी हो सकती हैं। मंदिर के साधारण द्वार के सामने खुदाई में जो मंदिरनुमा निकला है उसकी तह तक जाकर पूर्ण सुरक्षा के साथ जीणोद्धार करना चाहिए।
एसडीएम व मंदिर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अरविंद चौहान ने बताया कि केंद्र सरकार की प्रसादम योजना अंतर्गत मप्र पर्यटन विकास निगम द्वारा ओंकारेश्वर मंदिर के साधारण द्वार के ऊपर श्रद्धालुओं को बैठने के लिए सभामंडप का निर्माण किया जाना है। विभाग के इंजीनियर की उपस्थिति में सीढ़ियों पर खुदाई चल रही है। नीचे बेसमेंट में बड़ा सा भाग निकला है। उसके ऊपर मंदिर के जितने भी कमरे बने हैं उन्हें तोड़कर नीचे जाकर देखा जाएगा। इसके बाद ही निर्माण कार्य शुरू किए जाएंगे। सुरक्षा की दृष्टि से पर्यटन विकास निगम अधिकारी और कर्मचारियों को लगा दिया है। मंदिर के कर्मचारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को एक तरफ से दर्शन करवाएं। किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान नहीं दे। एसडीएम चौहान ने बताया कि ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पूर्ण रूप से सुरक्षित है। सभी वरिष्ठ लोगों की देखरेख में निर्माण कार्य चल रहा है।
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