नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट एससी/एसटी एक्ट में मामले में दायर की गई पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में तत्काल सुनवाई को राजी हो गया है। इस पर दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी। यह याचिका केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को दायर की गई थी। तब कोर्ट ने फौरन सुनवाई से इनकार कर दिया था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1989 के दुरुपयोग को रोकने को लेकर गाइडलाइन जारी की थीं। इसके विरोध में दलित संगठनों ने सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया था। इस दौरान 10 से ज्यादा राज्यों में प्रदर्शन हिंसात्मक हुआ और 14 लोगों की मौत हो गई। इनमें सबसे ज्यादा असर मध्यप्रदेश में रहा।
एससी/एसटी एक्ट के मामले में वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं:
1) एससी/एसटी कानून में कहां पुलिस से शिकायत हुई थी
- महाराष्ट्र में शिक्षा विभाग के स्टोर कीपर ने राज्य के तकनीकी शिक्षा निदेशक सुभाष काशीनाथ महाजन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। स्टोर कीपर ने शिकायत में आरोप लगाया था कि महाजन ने अपने अधीनस्थ उन दो अिधकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है, जिन्होंने उसकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में जातिसूचक टिप्पणी की थी।
2) पुलिस से शिकायत होने के बाद कैसे आगे बढ़ा मामला
- पुलिस ने जब दोनों आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उनके वरिष्ठ अधिकारी महाजन से इजाजत मांगी, तो वह नहीं दी गई। इस पर पुलिस ने महाजन पर भी केस दर्ज कर लिया। महाजन का तर्क था कि अगर किसी अनुसूचित जाति के व्यक्ति के खिलाफ ईमानदार टिप्पणी करना अपराध हो जाएगा तो इससे काम करना मुश्किल जो जाएगा।
3) एफआईआर के बाद हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में केस कब से
- 5 मई 2017 को काशीनाथ महाजन ने एफआईआर खारिज कराने हाईकोर्ट पहुंचे। पर हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया। एफआईआर खारिज नहीं हुई तो महाजन ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर शीर्ष अदालत ने 20 मार्च को उन पर एफआईआर हटाने का आदेश दिया।
4) सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को फैसले में क्या कहा था
- सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के साथ आदेश दिया कि एससी/एसटी एक्ट में तत्काल गिरफ्तारी न की जाए। इस एक्ट के तहत दर्ज होने वाले केसों में अग्रिम जमानत मिले। पुलिस को 7 दिन में जांच करनी चाहिए। सरकारी अधिकारी की गिरफ्तारी अपॉइंटिंग अथॉरिटी की मंजूरी के बिना नहीं की जा सकती।
5) क्यो फैसले का विरोध शुरू हुआ, सरकार ने क्या किया
- इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। दलित संगठनों और विपक्ष ने केंद्र से रुख स्पष्ट करने को कहा। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की।
6) आखिर इस फैसले के विरोध क्यों हो रहा है
- दलित संगठनों का तर्क है कि 1989 का एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम कमजोर पड़ जाएगा। इस एक्ट के सेक्शन 18 के तहत ऐसे मामलों में अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं है।
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