Sunday, 25th May 2025

दलित संगठनों का भारत बंद: 10 राज्यों में हिंसा, कुल 10 लोगों की मौत; सबसे ज्यादा असर मध्य प्रदेश में

Tue, Apr 3, 2018 3:42 AM

  • सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
  • दलित संगठन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।

 

नई दिल्ली. एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलितों का सोमवार को भारत बंद का असर देश के 10 राज्यों में देखा गया। इनमें से उन राज्यों में सबसे ज्यादा हिंसा और प्रदर्शन देखने को मिला, जहां इस साल के आखिर में चुनाव होने हैं। इनमें मध्यप्रदेश और राजस्थान शामिल हैं। इनके अलावा पंजाब, बिहार और उत्तर प्रदेश में हिंसक झड़प हुईं। मध्यप्रदेश में 6, यूपी में दो, बिहार और राजस्थान में एक-एक की मौत हो गई। उधर, पंजाब में बंद के चलते सीबीएसई की परीक्षाएं टाल दी गई हैं। इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। इसकी खास वजह है। दरअसल, जिन 10 राज्यों में उग्र प्रदर्शन हुए वहां की 71 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर एससी/एसटी वोटर असर डालते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला दिया था?

-सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1989 के दुरुपयोग को रोकने को लेकर गाइडलाइन जारी की थीं। यह सुनवाई महाराष्ट्र के एक मामले में हुई थी। ये गाइडलाइंस फौरन लागू हो गई थीं।

- सरकारी कर्मी के लिए: तुरंत गिरफ्तारी नहीं। सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी सिर्फ सक्षम अथॉरिटी की इजाजत से होगी।
- आम लोगों के लिए: एक्ट के तहत आरोपी सरकारी कर्मचारी नहीं हैं, तो उनकी गिरफ्तारी एसएसपी की इजाजत से होगी।

- अदालतों के लिए: अग्रिम जमानत पर मजिस्ट्रेट विचार करेंगे और अपने विवेक से जमानत मंजूर या नामंजूर करेंगे।

- एनसीआरबी 2016 की रिपोर्ट बताती है कि देशभर में जातिसूचक गाली-गलौच के 11,060 शिकायतें दर्ज हुईं। जांच में 935 झूठी पाई गईं।

दलित संगठनों की क्या मांग है?

- संगठनों की मांग है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करे। जो नियम पहले थे, वे यथावत लागू हों।

सरकार ने क्या किया?

-सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एससी/एसटी एक्ट के फैसले पर फिर से विचार करने के लिए एक याचिका दायर की। कोर्ट ने सोमवार को फौरन सुनवाई से मना कर दिया।

सबसे ज्यादा असर एमपी-राजस्थानऔर छत्तीसगढ़में,क्योंकि इस साल यहां चुनाव होने हैं...

1) मध्यप्रदेश के भिंंड, मुरैना ग्वालियर में ज्यादा हिंसा

-राज्य के करीब 10 से ज्यादा जिलों में विरोध-प्रदर्शन देखा गया। ग्वालियर, भिंड और मुरैना में भारी हिंसा हुई। ग्वालियर में हिंसा के दौरान तीन लोग मारे गए। टोल प्लाजा में तोड़फोड़ की गई। कई जगह सड़क पर वाहन जलाए गए। पांच थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया। वॉटसऐप पर गलत खबरें और अफवाहें ना फैलें इसके लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया। प्रदेश के इंदौर, सिवनी, रतलाम, उज्जैन, झाबुआ और जबलपुर में बंद का मिला-जुला असर रहा।

- ग्वालियर में 2, भिण्ड में 2, डबरा में 1और मुरैना में 1की मौत हुई।

क्यों हैं एससी/एसटी अहम? 
- राज्य में साल के आखिर में चुनाव हैं। विधानसभा की कुल 230 सीटों में से एसटी के लिए 47 और एससी की 35 सीट रिजर्व हैं।

2) राजस्थान के अलवर में एक की मौत, महिलाएं भी सड़कों पर उतरीं

- अलवर जिले के खैरथल इलाके हुई हिंसा में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। बाड़मेर में दलित संगठनों और करणी सेना के बीच झड़प हो गई, जिसमें 25 लोग जख्मी हो गए। भरतपुर में महिलाएं हाथों में लाठियां लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करती दिखीं।

- अलवर में एक मकान में आग लगाने की कोशिश की गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ी में आग लगा दी। पुष्कर में कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई।

क्यों एससी/एसटी अहम?
- राज्य में इस साल चुनाव हैं। विधानसभा की 200 सीट में से एससी कोटे की 33 और एसटी की 25 सीटें हैं। पिछले तीन चुनावों में टिकट बंटवारे से लेकर सरकार गठन तक एससी-एसटी और जाटों का ही बोलबाला रहा है। कांग्रेस और भाजपा ने 95 से ज्यादा सीटों पर इन्हीं समुदाय के कैंडिडेट्स मैदान में उतारे। बाकी आधी सीटों का राजपूत, ब्राह्मण, मुस्लिम, गुर्जर और दूसरी जातियों को अहमियत दी गई है।

3) छत्तीसगढ़ में आधी सीटें एससी/एसटी असर वाली

-प्रदेश में रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और भिलाई समेत राज्य में बंद का व्यापक असर देखने को मिला। मेडिकल स्टोर को छोड़कर करीब-करीब सभी बाजार बंद नजर आए। हालांकि, राज्य से हिंसा की कोई खबर नहीं मिली।

- कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने जबरन बाजार बंद कराए।

क्यों हैं एससी/एसटी अहम?

-छतीसगढ़ में कुल 90 सीटें हैं। इनमें से एससी के लिए 10 और एसटी के लिए 29 सीटें रिजर्व हैं। अगर देखा जाए तो करीब आधी सीटों पर एससी/एसटी का असर है।

बाकी 7 राज्यों में क्या रहे हालात?

4) पंजाब: सदा-ए-सरहद बस रोकी, 10वी-12वीं की परीक्षाएंटालीं

- सभी स्कूल-कॉलेज, यूनिवर्सिटी और बैंक बंद रहे। सीबीएसई की 10वी-12वीं की परीक्षाएं टाली गईं। रात 11 बजे तक बसें और इंटरनेट बंद रहने के आदेश दिए गए। सुरक्षा बलों के 12 हजार अतिरिक्त जवानों को फील्ड में उतारा गया।

- दिल्ली और लाहौर के बीच चलने वाली सदा-ए-सरहद बस सेवा भी बाधित हुई। पाकिस्तान जाने वाली बस को पहले पंजाब के सरहिंद में रोका गया। बाद में इसे पटियाला-संगरूर के रास्ते लाहौर रवाना किया। वहीं, दिल्ली आने वाली बसों को अमृतसर में रोक दिया गया।

5) बिहार: एंबुलेंसफंसने से एक बच्चे की मौत

-मधुबनी, आरा, भागलपुर और अररिया में ट्रेनें रोकी गईं। मोतिहारी में तोड़फोड़ की गई।

- वैशाली में प्रदर्शनकारियों ने एक एंबुलेंस को रोक लिया। मां गुहार लगाती रही, लेकिन जाम में फंसे रहने के चलते एक नवजात की मौत हो गई।

6) उत्तर प्रदेश: दोकी मौत, 3 जख्मी

- यूपी के मुजफ्फरनगर में एक शख्स की मौत हो गई। वहीं, तीन जख्मी हो गए। मेरठ, गोरखपुर, सहारनपुर, हापुड़, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मथुरा और आगरा समेत कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया।

- मथुरा, हापुड़ और मेरठ में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ करने के साथ वाहनों और पुलिस थाने में आग लगाई। आग बुझाने पहुंची दमकल की टीम पर पथराव हुआ।

- बिजनौर में एक बीमार व्यक्ति की रैली के दौरान फंसने से मौत गई।

7) झारखंड:जबरन बाजार बंद कराए,ट्रेनें रोकी गईं

-सड़कों पर जाम लगाया गया। कई जगहें ट्रेनें रोकी गईं। प्रदर्शनकारियों ने जबरन बाजार बंद कराए। रांची में पुलिस पर पथराव हुआ। जमशेदपुर में एक ट्रक में आग लगा दी गई।

8) गुजरात:अहमदाबाद में बसों पर पथराव, राजकोट में भी तोड़फोड़

- अहमदाबाद में बस सर्विस को बंद करना पड़ा। कई जगह पथराव किया गया। आंदोलनकारियों ने पाटन, हिम्मतनगर, थराद, नवसारी, भरूच, जूनागढ़, धानेरा, भावनगर, जामनगर, अमरेली, तापी, साणंद के अलावा राज्य के और भी इलाकों में रैलियां निकाली गईं। 
- कच्छ जिले के गांधीधाम शहर में सरकारी वाहन पर पथराव किया गया। जूनागढ़, राजकोट, राजुला, चोटिला के अलावा दूसरे इलाकों से भी आगजनी और पथराव की खबरें आईं। 
- सौराष्ट्र, कच्छ और राजकोट में भी आगजनी-तोड़फोड़ की गई।

9) हरियाणा:पुलिस ने की फायरिंग, पथराव में 50 पुलिसकर्मी जख्मी

- नेशनल हाइवे -1 बंद कर दिया गया। कैथल में प्रदर्शनकारी रोडवेज डिपो में घुस गए। यहां टिकट काउंटरों पर तोड़फोड़ की गई। एक ट्रेन इंजन पर पथराव किया गया। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। यहां पुलिस-प्रदर्शनकारियों में झड़प। पुलिस फायरिंग में 10 लोग घायल हुए। पथराव में 50 पुलिसकर्मी जख्मी हुए।

10. ओडिशा: प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनें रोकीं।

राहुल गांधी ने कहा-दलितों को सलाम

- राहुल ने ट्वीट में कहा- "दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना RSS/BJP के DNA में है। जो इस सोच को चुनौती देता है उसे वे हिंसा से दबाते हैं। हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे हैं। हम उनको सलाम करते हैं।"

कांग्रेस ने कहा- सरकार ने केस ठीक से पेश नहीं किया

- कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "निश्चित ही रिव्यू पिटीशन दायर करनी चाहिए, यह सरकार का हक है। हालांकि, असल सवाल यह है कि सरकार इस केस को सुप्रीम कोर्ट में ठीक ढंग से पेश करने में नाकाम क्यों रही, इसकी जांच होनी चाहिए।"

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery