Thursday, 22nd May 2025

खुशहाली में देश का नंबर गिरने के बाद MP ने अपने सर्वेक्षण में जोड़े नए सवाल

Fri, Mar 30, 2018 4:52 PM

भोपाल। वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में इस बार भारत की स्थिति 11 पायदान नीचे गिरने के बाद मध्यप्रदेश ने अपने खुशहाली के सर्वेक्षण कुछ नए बिंदु भी जोड़ लिए हैं। राज्य आनंद संस्थान ने हैप्पीनेस इंडेक्स नापने के लिए तैयार हो रही प्रश्नावली में 'सामाजिक समरसता" से जुड़े कुछ सवाल भी जोड़ने का निर्णय किया है। इस संबंध में आईआईटी खड़गपुर के विशेषज्ञों को भी सुझाव दिया गया है।

राज्य आनंद संस्थान ने हैप्पीनेस इंडेक्स की प्रश्नावली के मुद्दों पर विशेषज्ञों के सुझाव और आईआईटी खड़गपुर के अध्ययन पर केन्द्रित बिंदुओं को अंतिम रूप दे दिया था, लेकिन मार्च के दूसरे सप्ताह में यूनाइटेड नेशन की वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में भारत की स्थिति 11 पायदान फिसल गई।

इसके बाद मप्र ने अपने सर्वेक्षण के लिए कुछ और बिंदुओं का समावेश करने की तैयारी की है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि मप्र के संदर्भ को ध्यान में रखते हुए ऐसे विषयों को भी शामिल करने का निर्णय किया गया है जो मप्र के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन यूएन के पैमाने में शामिल नहीं हैं। बताया जाता है कि प्रदेश के नागरिकों में आपसी सहयोग और लैंगिक समानता की स्थिति को भी आकलन में रखा जाएगा।

नेपाल-पाकिस्तान से पीछे हैं हम

उल्लेखनीय है कि यूएन ने पिछले पखवाड़े दुनिया के 156 देशों में खुशहाली की जो रिपोर्ट जारी की है उसके अनुसार भारत 122वें क्रम से फिसल कर 133वें पायदान पर आ गया। स्थिति यह है कि चीन, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान जैसे देशों की स्थिति खुशहाली के मामले में भारत से बेहतर है। इस बार फिनलैंड ने पांचवें पायदान से पहले स्थान पर आकर बाजी मारी है।

बदले संदर्भ में भेजे सुझाव

राज्य आनंद संस्थान के निदेशक प्रवीण गंगराडे ने बताया कि यूएन द्वारा जारी 156 देशों की सूची और खुशहाली के मापदंड देखने के बाद हमने अपनी सर्वेक्षण टीम को कुछ और सुझाव दिए हैं। मप्र के परिवेश के आधार पर जरूरी संशोधन भी किए जा रहे हैं। आईआईटी खड़गपुर के विशेषज्ञों की टीम प्रश्नावली बनाने के अंतिम दौर में है। भोपाल में आयोजित इंटरनेशनल हैप्पीनेस वर्कशाप के दौरान देश-विदेश के विशेषज्ञों से मिले सुझावों के आधार पर यह काम चल रहा है।

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