झाबुआ। झाबुआ का प्रसिद्ध कड़कनाथ मुर्गा एप पर लांच होते ही 24 घंटे के भीतर 17 ऑर्डर आ गए। इसमें दिल्ली से सात, इंदौर से सात और बालघाट से तीन मुर्गों की मांग आई है। पहला ऑर्डर पेटलावद के विनोद मेढ़ा को मिला है।
पहले दिन की मांग को देखते हुए अब होम डिलिवरी की योजना बनाने पर विचार किया जा रहा है। उत्पादन बढ़ाने के लिए लोन भी दिया जाएगा। छह साल की लंबी लड़ाई के बाद बुधवार को कड़कनाथ पर झाबुआ का टैग लगने की सूचना आई। चेन्नई जीआई रजिस्ट्रेशन के दफ्तर से खबर मिलते ही भोपाल में एप लांच किया गया। गुरुवार को सहकारिता विभाग की प्रमुख सचिव रेणु पंत झाबुआ पहुंचीं। उन्होंने बताया कि कड़कनाथ मुर्गे के पालन और खरीद-फरोख्त के कारोबार से जुड़ी सहकारी समितियों के लिए मप्र कड़कनाथ मोबाइल एप तैयार किया है।
एप समितियों को एक ऐसा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगा, जिससे उन्हें आधुनिक बाजार मिलेगा। एप में झाबुआ, आलीराजपुर और देवास जिले की कड़कनाथ मुर्गा पालन के लिए काम कर रही चार सहकारी समितियों सहित 20 से ज्यादा संस्थाओं की जानकारी दी गई है।
उपलब्ध्ता
- झाबुआ में 2000-2500 कड़कनाथ
- 50 मुर्गों की मांग प्रति दिन आने की संभावना
- 21 दिन में अंडे से चूजा निकलता है
- 3-4 महीने लगते हैं पूरी तरह विकसित होने में
प्रोटीन
25 फीसदी से ज्यादा (सामान्य मुर्गे में 13 फीसदी) कोलेस्ट्रॉल 0.73 से 1.05 हार्मोन्स को संतुलित रखने वाली अमिनो एसिड के साथ-साथ विटामिन का बड़ा सोर्स।
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