सियोल.उत्तर कोरिया का दक्षिण कोरिया के विंटर ओलिंपिक में सालों बाद शुरू हुआ डिप्लोमेटिक बातचीत का दौर मजबूती की तरफ बढ़ रहा है। उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन पहली बार 27 अप्रैल को मुलाकात करेंगे। ये एलान उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के टॉप अफसरों के बीच मीटिंग के बाद किया गया। यह मीटिंग गुरुवार को ट्रूस विलेज ऑफ कंट्रीज बॉर्डर यानी असैन्य क्षेत्र में हुई। इसमें किम और मून की मीटिंग के एजेंडे को भी आखिरी रूप दिया गया। इस दौरान दोनों देशों के रिश्तों को भी आगे बढ़ाने के लिए हाल की कोशिशों की भी समीक्षा की गई।
किम और डोनाल्ड ट्रम्प की भी मुलाकात होनी है
- कोरियाई देशों के अधिकारी ऐसे वक्त मिले, जब किम जोंग ने अपने सात साल के शासन में पहले विदेशी दौरे के रूप में चीन की यात्रा करके लौटे हैं।
- दोनों देशों के अफसर अब 4 अप्रैल को साथ बैठकर शिखर सम्मेलन की तैयारी, सुरक्षा समेत अन्य इंतजामों को आखिरी रूप देंगे।
- किम और मून के बीच शिखर वार्ता के बाद किम और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भी मुलाकात होनी है।
- इस महीने की शुरुआत में किम और ट्रम्प की संभावित वार्ता की खबरें आई थीं। इस पर व्हाइट हाउस ने कहा था कि ट्रम्प तभी मिलेंगे, जब किम परमाणु और मिसाइल परीक्षण से पीछे हटने समेत अपने दूसरे वादे पूरे करेंगे।
नॉर्थ कोरिया V/S साउथ कोरिया
- आबादी 2.56 करोड़ और जीडीपी 2 लाख करोड़ रु. है। कारोबारी साझेदार चीन है। - नॉर्थ कोरिया 5500 किमी मारक क्षमता के साथ परमाणु क्षमता से लैस है। |
- दक्षिण कोरिया की आबादी 5.1 करोड़ और जीडीपी 91 लाख करोड़ रु. है। - दुनिया का 7वां बड़ा निर्यातक देश है। चीन, अमेरिका और जापान बड़े कारोबारी साझीदार हैं। रक्षा बजट 2.6 लाख करोड़ रु है। - करीब 6 लाख सैनिक हैं। 1300 किमी की मिसाइल क्षमता और यूएवी से लैस है। |
50 साल से दुश्मनी जारी
- जापान से आजाद होने पर 1945 में कोरिया के दो देश बने। 1968 में उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति की हत्या की कोशिश की थी, जो कामयाब नहीं हुई।
- 1983 में म्यांमार धमाके में 17 द. कोरियाई मारे गए थे। तार उत्तर से जुड़े हुए थे। तभी से दुश्मनी जारी है।
2000 और 2007 में किम के पिता ने शीर्ष वार्ता की थी
- असैन्य क्षेत्र में मून से जब किम मिलेंगे तो वे पहले उत्तर कोरियाई शासक होंगे जो कोरियाई युद्ध के बाद दक्षिण कोरिया जाएंगे रखेंगे।
- दोनों देशों में इससे पहले साल 2000 और 2007 में हुई थीं। इन वार्ताओं में उत्तर कोरिया का नेतृत्व किम के पिता किम जोंग इल ने किया था।
ट्रूस विलेज ऑफ कंट्रीज बॉर्डर यानी सैनिकों के आने पर रोक
- दक्षिण कोरिया में पेनमंजोम में ट्रूस विलेज ऑफ कंट्रीज बॉर्डर दोनों देशों के बीच ऐसी जगह है, जहां किसी भी देश की सेना नहीं रहती है। इसे कोरियाई प्रायद्वीप के दोनों देशों को अलग करने वाले असैन्य क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। इसे पीस हाउस भी कहते हैं।
मून का कद बढ़ा
- उत्तर कोरिया को वार्ता के लिए राजी करने की दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून की कोशिशों से न सिर्फ कोरियाई क्षेत्र में तनाव कम हुआ है, बल्कि इससे अमेरिका समेत दुनिया ने राहत की सांस ली है।
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