लखनऊ. उत्तर प्रदेश के सभी रिकॉर्ड्स में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम के साथ 'रामजी' जोड़ा जाएगा। योगी सरकार ने गुरुवार को राज्यपाल राम नाईक की सलाह के बाद डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम बदलकर डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर करने का आदेश जारी किया।
'रामजी' के बिना बाबा साहेब का नाम अधूरा
- गवर्नर राम नाईक लंबे वक्त से इसे लेकर एक कैंपेन चला रहे थे। उनका कहना है कि अंबेडकर महाराष्ट्र से जुड़े थे। लेकिन कभी भी उनके नाम के साथ पिता का नाम रामजी नहीं जोड़ा गया। उनका कहना था कि रामजी ना जोड़कर हम बाबा साहेब का अधूरा नाम लेते आए हैं।
गलत नाम लिखने पर जताई थी नाराजगी
- दरअसल, पिछले साल दिसम्बर में राज्यपाल ने बाबा साहेब का नाम गलत लिखे जाने पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि किसी भी व्यक्ति का नाम उसी तरह लिखा जाना चाहिए जिस प्रकार से वह खुद लिखता हो।
- बता दें कि आगरा स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के नाम में अंबेडकर की जगह आंबेडकर लिखने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
बाबा साहेब खुद अपना नाम डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर लिखते थे
- सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार के मुताबिक, राज्यपाल राम नाईक ने सरकार को संविधान की आठवीं अनुसूची की मूल प्रति के संलग्नक की एक फोटो कॉपी भेजी थी, जिसमें बाबा साहब ने अपने हस्ताक्षर करते हुए डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा था।
कौन थे भीमराव अंबेडकर?
- डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्यप्रदेश में हुआ था। पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का भीमाबाई था। वे 14वीं संतान थे। उन्होंने विदेश जाकर इकोनॉमिक्स में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी, ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय थे।
Comment Now