Thursday, 22nd May 2025

व्यापमं घोटाला : आरजीपीवी के कुलपति की भूमिका संदिग्ध

Thu, Mar 29, 2018 5:12 PM

भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) के कुलपति प्रो. सुनील कुमार गुप्ता की व्यापमं महाघोटाले में आपराधिक भूमिका होने के संदेह पर जांच शुरू की गई है।

घोटाले के दौरान प्रोफेसर मप्र फीस नियामक कमेटी के ओएसडी थे। वहीं, मप्र फीस नियामक कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष हर्ष तिवारी एवं वर्तमान अध्यक्ष प्रोफेसर तुलसीराम थापक की भी संदिग्ध भूमिका की जांच कराई जा रही है। जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मुख्य सचिव मप्र बीपी सिंह को भेजे गए पत्र के अनुसार हो रही है।

तकनीकी शिक्षा विभाग के उप सचिव सभाजीत यादव ने आदेश जारी कर मामले में जांच अधिकारी भी नियुक्त कर दिए हैं। इस जांच कमेटी को फीस नियामक कमेटी की भूमिका पर लगे आरोपों की जांच जल्द से जल्द कर रिपोर्ट शासन को देना है। बता दें सीबीआई व्यापमं महाघोटाले के मामले की जांच कर रही है। सीबीआई आरजीपीवी कुलपति के खिलाफ यह जांच शिकायत के आधार पर करवा रही है।

राज्यपाल से शिकायत

इधर, आरटीआई कार्यकर्ता ऐश्वर्य पाण्डेय ने जांच के चलते अप्रैल में होने वाले दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने पर कुलपति के मंच साझा करने पर भी आपत्ति जताई है। उन्होंने इस संदर्भ में राज्यपाल को पत्र लिखते हुए बताया है कि प्रोटोकाल के अनुसार कोई भी आरोपित व्यक्ति प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा नहीं कर सकता है।

फीस नियामक कमेटी की यह संदिग्ध भूमिका

डीमेट परीक्षा जो मध्यप्रदेश के डेंटल और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित कराई जाती थी। इस परीक्षा का केंद्र एएफआरसी कार्यालय ही होता था। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेजों में जिन कॉलेज संचालकों ने फर्जीवाड़ा किया है उनके और परीक्षा कराने वाले लोगों के बीच मध्यस्थता का काम भी फीस नियामक कमेटी ने ही किया है।

हालांकि पहले यह परीक्षा व्यापमं आयोजित करती थी, लेकिन फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद यह परीक्षा कॉलेज संचालकों ने मिलकर ऑनलाइन आयोजित कराई थी। इस दौरान परीक्षा का सर्वर फीस नियामक कमेटी कार्यालय में ही लगाया गया था। इसलिए इन पर फर्जीवाड़े में आपराधिक भूमिका होने का आरोप लगा है। परीक्षा के बाद भी परीक्षार्थियों का कहना था कि सर्वर से छेड़छाड़ की गई है।

कुलसचिव के खिलाफ भी जांच दल गठित

इधर, कुलसचिव प्रो एसके जैन के खिलाफ करीब आधा दर्जन महिलाओं ने उत्पीड़न की लिखित में शिकायत दर्ज कराई है। ये सभी शिकायत प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा के नाम की गई है। शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव ने जांच कमेटी गठित कर दी है। हालांकि जब जांच कमेटी ने इन सभी पतों पर नोटिस भेजकर बयान दर्ज कराना चाहा तो सभी शिकायतकर्ता अपने पते पर नहीं मिले। इधर, मामले में जब एसके जैन से संपर्क करना चाहा तो उन्होंने बताया कि उन पर लगे सारे आरोप निराधार है।

कमेटी बनाई गई है, जांच चल रही है

कुलसचिव पर पहले की एक शिकायत है हमने कमेटी गठित की है। शेष शिकायतों पर भी विचार किया जाएगा। कुलपति की शिकायत जिस एजेंसी को की गई है वह ही उसकी जांच करा रही है। 

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