Saturday, 24th May 2025

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अब्बासी ने की चीफ जस्टिस से मुलाकात, सरकार-ज्युडिशियरी के बीच बढ़ा विवाद

Thu, Mar 29, 2018 4:30 PM

नई दिल्लीइस्लामाबाद.पाकिस्तान सरकार के मामलों में सुप्रीम कोर्ट के बढ़ते दखल से सरकार और न्यायपालिका के बीच विवाद पैदा हो गया है। इस मामले को शांत करने के लिहाज से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी ने देश के चीफ जस्टिस साकिब निसार से अकेले में मुलाकात की। इस मुलाकात की खबरों से वहां का मीडिया और लोग हैरान हैं क्योंकि आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सियासतदानों से इस तरह अकेले में मुलाकात नहीं करते।

क्या है वजह?
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पाकिस्तान की न्यायपालिका सरकार के कामों में अब ज्यादा दखल दे रही है। सरकार इस बात से काफी खफा यानी नाराज बताई जाती है। 
- इसके बाद मंगलवार शाम अब्बासी खुद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। चीफ जस्टिस ने उन्हें रिसीव किया। इस दौरान पीएम ने प्रोटोकॉल को फॉलो नहीं किया। पाकिस्तान मीडिया की खबरों में इसे अचानक हुई मुलाकात बताया गया है।

2 घंटे की मुलाकात
- जानकारी के मुताबिक, ये मुलाकात काफी लंबी रही। करीब 2 घंटे बाद पीएम बाहर निकले और बिना किसी से बात किए अपनी गाड़ी से रवाना हो गए। 
- इस मीटिंग के बारे में न्यायपालिका या सरकार की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है। लिहाजा, कयासों का बाजार अब और ज्यादा गर्म हो गया है।

कहीं ये वजह तो नहीं?
- सुप्रीम कोर्ट ने कुछ वक्त पहले नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाते हुए पद से हटा दिया था। इसके बाद शाहिद खकान अब्बासी को पाकिस्तान का पीएम बनाया गया था।
- नवाज बीते कई दिनों से रैलियों में न्यायपालिका पर निशाना साध रहे हैं। इससे सुप्रीम कोर्ट नाराज बताया जा रहा है। 
- नवाज अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग के प्रेसिडेंट चुने गए। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर भी रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो किसी भी पद के अयोग्य घोषित किए गए हैं।

 

सरकार में कितना दखल?
- नवाज के मामले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के कई विभागों द्वारा लिए गए फैसलों को प्रभावित किया या उस पर रोक लगा दी।
- पिछले दिनों अब्बासी ने संसद में कहा था- ये तय किया जाना चाहिए कि लोकतंत्र में सर्वोच्च कौन है? संसद या सुप्रीम कोर्ट? इसके बाद चीफ जस्टिस ने पलटवार किया। साकिब ने कहा- इसमें कोई शक नहीं कि संसद ही सर्वोच्च है लेकिन उसको संविधान के मुताबिक ही चलना होगा।

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