Friday, 23rd May 2025

4 साल से फरार आरोपी को आईजी की स्पेशल टीम ने नागपुर में धर दबोचा उच्च तकनीक का इस्तेमाल कर हुई कार्रवाई

Sun, Mar 25, 2018 1:43 AM

रायगढ़. कृष्णा विहार कॉलोनी निवासी नवीन कुमार जैन जो ग्लोबल फ्राइट कैरियर ट्रांसपोर्ट कम्पनी गोरखा में मैनेजर के पद पर है। उसने माह जुलाई 2014 में आरोपी सतविंदर सिंह निवासी एयरटेल ऑफिस के सामने रिंग रोड नंबर 1 तेलीबांधा रायपुर के ट्रेलर वाहन में गोरखा रायगढ़ से 49 नग लोहे के कॉलम जिनका वजन लगभग 23 टन एवं तात्कालिन बाजार मूल्य लगभग 12 लाख रुपए था। जिसे कर्नाटक बेल्लारी के लिए लोड कराकर रवाना किया था। माल 1 माह तक कर्नाटक ना पहुंचने की सूचना मिलने पर परेशान नवीन कुमार जैन ने पुलिस की शरण लेकर पूरी घटना बताई। जिस पर थाना कोतरा रोड में 29अगस्त 2014 को ट्रेलर वाहन के मालिक एवं चालक सतविंदर सिंह के खिलाफ धारा 407 के तहत अपराध कायम किया गया। जांच में यह बात सामने आयी कि आरोपी ट्रेलर मालिक चालक सतविंदर सिंह कर्नाटक गया ही नहीं और ट्रेलर एवं माल को अपने सहयोगी अजय सिंह उर्फ शेषमणि को सौंप दिया है। अजय सिंह ने माल कर्नाटक ना पहुंचाकर नागपुर में कहीं ले जाकर बिक्री कर दिया है। मामले में आरोपी ट्रेलर मालिक चालक सतविंदर सिंह को 3 माह बाद गिरफ्तार किया गया जो बताया कि उसने माल सहित वाहन अजय सिंह उर्फ शेषमणि को दे दिया है। आरोपी अजय सिंह घटना के बाद से लगातार फरार था। जिसकी तलाश के दौरान यह जानकारी मिली कि अजय सिंह उर्फ शेषमणि अपहरण और हत्या के जघन्य मामले में सिवनी मध्य प्रदेश की जिला जेल में बंद है। इस सूचना पर वर्ष 2015 में आरोपी अजय सिंह को प्रोडक्शन वारंट पर सिवनी से रायगढ़ लाकर गिरफ्तारी की गई। अजय सिंह ने जानकारी दी कि उसने ट्रेलर एवं लोहे के कालम को नागपुर में मात्र ढाई लाख रुपए में हार्ड कोर क्रिमिनल शफत खान को बेच दिया है। जिसे शफत खान ने टीपू जो नागपुर में ही स्क्रेप का काम लंबे अरसे से करता है के साथ तत्काल कटिंग कर लिया।
मामले में शफत खान और टीपू 4 वर्षों से फरार थे दोनों का कहीं कोई पता नहीं था। पुलिस की टीम चार पांच बार नागपुर जाकर कोशिश कर चुकी थी पर शफत खान का पता नहीं लग पाया था । मामले के लंबित रहने पर पुलिस महानिरीक्षक दीपांशु काबरा ने मामले की जांच का जिम्मा  विशेष अनुसंधान इकाई को सौंपा। विशेष अनुसंधान टीम को नागपुर प्रवास के दौरान ज्ञात हुआ कि शफत और टीपू नागपुर में घटना के बाद से नहीं रहते हैं। गोंदिया भंडारा कामठी बस्ती(उत्तरप्रदेश) में निवास बदल-बदल कर रहते हैं। काफी प्रयास करने पर ज्ञात हुआ शफत बहुत चालाक है मोबाइल उपयोग नहीं करता है पर टीपू के दो मोबाइल/सिम नंबर प्राप्त हो गए। टीपू के  लगातार निवास बदल-बदल कर रहने से गिरफ्तारी में दिक्कतें आ रही थी। इस पर विशेष टीम ने अत्याधुनिक संचार साधन के इस्तेमाल का फैसला किया और टीपू के मोबाइल सिम नंबर जिसमें एक नम्बर ही चालू था को इंटरसेप्शन पर लिया गया। इस एडवांस तकनीक का प्रयोग करने से स्पष्ट हुआ कि टीपू की तीन पत्नियां हैं। टीपू कभी कभी राजीव गांधी नगर नागपुर आना जाना करता है। जहां इसकी पहली पत्नी रहती है, लेकिन अपना स्थाई निवास दूसरी पत्नी के घर देवलापार रामटेक जो नागपुर से लगभग 70 किलोमीटर दूर है को बना रखा है और वहीं पर भेश बदल कर छिप कर रह रहा है। टीपू तीनों पत्नियों के घर कुछ अंतराल से आना जाना करता है। इस सूचना पर विशेष अनुसंधान टीम के निरीक्षक ए खोखर, प्रेम चंद्रा प्रधान आरक्षक दिवाकर थाना कोतरा रोड के चंद्रा प्रधान आरक्षक जयलाल आरक्षक जलतारे और क्राइम ब्रांच के आरक्षक बृजलाल गुर्जर महेश पंडा के साथ नागपुर जाकर दबिश दी और टीपू को पकड़ लिया। 
एक आरोपी अब भी फरार
टीपू ने पूछताछ में बताया कि शफत ने इसे ढाई लाख में खाली ट्रेलर बेचा था। जिसे इसने कटिंग कर टुकड़े में बेच दिया। ट्रेलर में लोड लोहे के एंगल को शफत खान ने कहीं और बिक्री कर दिया है। इस प्रकार लगभग 2500000 के ट्रेलर एवं लगभग 1200000 के लोहे के एंगल जिनकी बाजार कीमत लगभग 3700000 होती है को मात्र ढाई लाख में बिक्री कर दिया। मामले में टीपू उर्फ किफायत अली पिता यूनुस अली उम्र 40 वर्ष देवलापार रामटेक महाराष्ट्र से लगातार पूछताछ जारी है। मामले में अब तीन आरोपी पकड़े जा चुके हैं, लेकिन शफत खान अभी तक पुलिस पकड़ से बाहर है जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। 

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