भोपाल।पूर्ण कर्ज माफी की मांग को लेकर मप्र के सागर जिले के सैकड़ों किसान शनिवार को भोपाल पहुंचे। 185 किमी लंबी इस यात्रा को किसानों ने 20 मार्च को शुरू की थी। सरकार के पास तक अपनी मांगों को पहुंचाने के लिए किसानों की यह यात्रा काफी कष्टदायक रही। भोपाल पहुंचे कई किसानों के पैर में छाले तक पड़ गए हैं।
क्या कहना है किसानों का...
- पैदल यात्रा कर भोपाल पहुंचे किसान अंबेडकर मैदान पहुंचे, जहां वे अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए। किसानों का कहना है कि इस देश में बड़े उद्योगपतियों के अरबों रुपए माफ किए जा रहे हैं, लेकिन किसानों की विडंबना देखो कि यहां के किसान कर्ज माफी के लिए नंगे पैर चलने को मजबूर हैं। हमारे सीएम खुद को किसान पुत्र बताते हैं, यदि सच में वे किसान पुत्र हैं तो किसानों के आंखों में आंसू क्यों आने दे रहे हैं। हम इतनी लंबी यात्रा कर उसने मिलने आए हैं।
तीन साल से मौसम की मार झेल रहे हैं किसान
- बता दें कि हाल ही में बेमौसम बारिश और ओले से मप्र के कई जिलों में फसल पूरी तरह से चौपट हो गई थी। किसानों का कहना है कि पिछले तीन साल से ओलावृष्टि औऱ बेमौसम बारिश से वे नुकसान उठा रहे हैं। फसल घर तक नहीं पहुंच पा रही है, ऐसे में हम पर कर्ज बढ़ता जा रहा है। फसल नुकसान का मुआवजा भी सही नहीं मिलता।
भावांतर को लेकर भी नाराजगी
- प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना भावांतर को लेकर भी किसान गुस्सा हैं। उनका कहना है कि उन्हें अब तक सोयाबीन के भावांतर का पैसा नहीं मिला है। यदि हमारे लिए शुरू की गई योजना हमारे काम नहीं आ रही तो इसे बंद कर देना चाहिए। भावांतर योजना में कई अन्य फसलों को शामिल नहीं करने से भी किसानों में नाराजगी है।
इसलिए पैदल यात्रा करने को मजबूर
- लगातार बढ़ते कर्ज को लेकर किसानों की मांग है कि सरकार पूर्ण कर्ज माफी करे। वहीं फसलों के उचित दाम देने के लिए कुछ करे। भावांतर में यदि बदलाव नहीं होता तो उसे बंद कर देना चाहिए।
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