वॉशिंगटन. अमेरिका में अब ट्रांसजेंडर्स को सेना में काम करने का मौका नहीं मिलेगा। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को सेना में ट्रांसजेंडर्स की भर्ती और सेवाओं को लेकर नए नियमों का एलान किया। इसके तहत कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर ट्रांसजेंडर्स को सेना में नौकरी नहीं दी जाएगी। बता दें कि ओबामा प्रशासन ने 2016 में सेना में ट्रांसजेंडर्स की भर्ती के लिए नियम बनाए थे।
- व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी सारा सैंडर्स ने शुक्रवार को ब्रीफिंग के दौरान बताया कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने ट्रांसजेंडर्स के लिए बनाई गई अपनी पुरानी पॉलिसी को रद्द कर दिया है। उसकी जगह अब नई पॉलिसी लेगी।
- सैंडर्स ने कहा, “नई नीति से मिलिट्री को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ लोगों को भर्ती करने में आसानी होगी। इससे हर उस इंसान के पास बराबर का मौका होगा जो दुनिया की सबसे बेहतरीन सेना के लिए लड़ना चाहता है।”
- बता दें कि इससे पहले जुलाई 2017 में ट्रम्प ने ट्विटर पर सेना से ट्रांसजेंडर्स को बैन करने का एलान किया था। इसके लिए ट्रम्प ने एक आदेश पर भी हस्ताक्षर किए थे।
- हालांकि, तब पूरे अमेरिका में पॉलिसी का विरोध शुरू हो गया था। सेना के कई अधिकारियों और सैनिकों ने भी इसका विरोध किया था।
- ट्रम्प के आदेश के खिलाफ ट्रांसजेंडर्स के एक समूह ने कोर्ट में याचिका भी दायर की थी। जिसपर कोर्ट ने ऐसे किसी भी आदेश को असंवैधानिक बताते हुए इसपर रोक लगा दी थी।
- अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस (डीओडी) ने राष्ट्रपति ट्रम्प को एक रिपोर्ट सौंपी है। इसमें कहा गया है कि अपना लिंग बदलवाने वाले लोगों को सेना में भर्ती कर के उन्हें पुराने शारीरिक, मानसिक और लिंग आधारित मानकों से छूट देना सेना के लिए ठीक नहीं है। इससे बेवजह सेना का बोझ बढ़ता है।
- रिपोर्ट में डीओडी ने बताया है कि ट्रांसजेंडर्स को सेना में भर्ती करने का ओबामा प्रशासन का फैसला 2016 के रैंड थिंक टैंक की स्टडी का नतीजा था, जिसमें कई बड़ी गलतिया थीं।
- अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने शुक्रवार को कहा कि सेना में ट्रांसजेंडर्स की भर्तियां और सेवाएं कोर्ट के आदेश के मुताबिक पहले जैसे ही चलती रहेंगी। हालांकि अभी इस बात पर संशय है कि नए नियम कब से लागू किए जाएंगे।
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी सेना में अभी करीब 4 से 10 हजार ऑन-ड्यूटी ट्रांसजेंडर्स हैं।
- ओबमा प्रशासन ने 30 जून 2016 को ट्रांसजेंडर्स की सेना में भर्ती के रास्ते खोल दिए थे। तब डिफेंस सेक्रेटरी एश्टन बी कार्टर ने इसका एलान करते हुए था कि अब किसी को भी सेना से सिर्फ इसलिए नहीं हटाया जा सकता, क्योंकि वो एक ट्रांसजेंडर है।
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