रायपुर.प्रदेश के 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी या छोटे सरकारी अस्पताल) को सरकार ने निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया है। इनमें राजधानी रायपुर के 4 अस्पताल हैं। बुधवार को मंत्रालय में मुख्य सचिव अजय सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। फैसला अगले वित्तीय वर्ष से लागू किया जाएगा।
फैसले से लोगों को इलाज महंगा पड़ेगा
अफसरों का दावा है कि इन अस्पतालों में डाॅक्टर और स्टाफ की कमी पूरी नहीं हो पा रही है, इसलिए इन्हें पीपीपी मोड पर दिया जा रहा है। जिस संस्था को ये अस्पताल दिए जाएंगे, उसे ही स्टाफ भर्ती करनी होगी। पूरा संचालन वही संस्था करेगी। जिनके पास स्मार्ट कार्ड होगा उनका शुल्क तो कार्ड से कट जाएगा। लेकिन जिनके पास नहीं हैं, उन्हें हर जांच के लिए निजी अस्पतालों जितना पेमेंट करना पड़ेगा। इसलिए माना जा रहा है कि इस फैसले से लोगों को इलाज महंगा पड़ेगा।
बीपीएल स्मार्ट कार्ड से मुफ्त ही होगा इलाज
सरकारी से पीपीपी मोड में जाने वाले इन 9 अस्पतालों के लिए टेंडर बुलाए जाएंगे। इनमें बीपीएल व स्मार्ट कार्ड वाले मरीजों को इलाज फ्री होगा। जिनके पास यह कार्ड नहीं हैं, उन्हें अब इन अस्पतालों में कैश देना होगा।
जरूरत क्यो पड़ी?
1. स्वास्थ्य विभाग सीएचसी चलाने में नाकाम है।
2. खाली पड़े पद भरने के लिए हर माह वाॅक इन इंटरव्यू के बाद भी कोई डॉक्टर नहीं आता।
3. प्रदेश में 150 सीएचसी हैं किसी में विशेषज्ञ नहीं है, कई जिला अस्पताल में भी ऐसा ही है।
4. नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी है, इसलिए व्यापमं एक हजार स्टाफ नर्स भर्ती करने जा रहा है।
पीपीपी मोड पर जाने वाले इन अस्पतालों में राेजाना आते हैं 3 हजार मरीज
अस्पताल | ओपीडी में मरीज |
नया रायपुर | 300 |
गुढ़ियारी | 250 |
माना | 400 |
मठपुरैना | 200 |
कुरूद | 450 |
सुपेला | 500 |
खुर्सीपार | 400 |
भाटापारा | 600 |
मनेंद्रगढ़ | 400 |
(अस्पताल 10 से 50 बेड तक के हैं)
सीधी बात: सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य
Q. ऐसी कौन सी वजह है जो 9 सीएचसी को पीपीपी मोड पर देने की जरूरत पड़ गई?
अस्पताल में डॉक्टर व जरूरी स्टाफ नहीं है, इसलिए ऐसा कदम उठा रहे हैं।
Q. पीपीपी मोड पर इलाज महंगा होने की आशंका है?
लोगों के पास स्मार्ट कार्ड है। फिर, सुविधा पर ज्यादा शुल्क तो देना ही होगा।
Q. क्या डॉक्टरों से लेकर जरूरी स्टाफ एजेंसी भर्ती करेगी?
बिल्कुल, ये पूरी जिम्मेदारी एजेंसी की होगी।
Q. अस्पताल कब तक पीपीपी मोड पर चले जाएंगे?
नए वित्तीय वर्ष में यह काम पूरा कर लिया जाएगा।
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