भोपाल.विधानसभा में विधायकों के सवाल पूछने के अधिकार में कटौती करने के लिए किए गए नियमों में बदलाव का नोटिफिकेशन हो गया है। बावजूद इसके विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. सीतासरन शर्मा ने कांग्रेस की आपत्ति आने के बाद दोबारा संशोधन का आश्वासन दिया है। संशोधित नियम के मुताबिक सत्तापक्ष भी सदन में विश्वास प्रस्ताव ला सकेगा। ऐसी स्थिति में विपक्ष यदि अविश्वास प्रस्ताव लाता है तो वरीयता सत्तापक्ष द्वारा लाए जाने वाले विश्वास प्रस्ताव को ही दी जाएगी। बाद में अविश्वास प्रस्ताव पर विचार होगा।
कांग्रेस ने दर्ज कराया विरोध, अध्यक्ष ने दिया दोबारा संशोधन का आश्वासन
बुधवार को नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह समेत कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताई, उनका कहना था कि इससे तो विपक्ष का विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने का अधिकार ही समाप्त हो जाएगा। सदन में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि नए नियमों से तो विधायकों को मिले अधिकार ही एक तरह से समाप्त हो गए हैं।
नियम में ये चार महत्वपूर्ण बदलाव
1. सत्तापक्ष को पहली बार सदन में विश्वास प्रस्ताव लाने की सुविधा दी गई है। इसमें विधानसभा पहले उस पर चर्चा करेगी। इसके बाद विपक्ष के अविश्वास का भविष्य तय होगा। इस स्थिति में एक बार सरकार सदन में विश्वास हासिल कर लेती है तो अविश्वास धरा रह जाएगा।
2. विधानसभा सदस्य ऐसे अति विशिष्ट व्यक्तियों के बारे में राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत अन्य संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की सुरक्षा के संबंध में खर्च संबंधी प्रश्न नहीं पूछ सकेंगे। मसलन उनकी सुरक्षा में कितने व्यक्ति तैनात हैं।
3. विधानसभा की समितियों के गोपनीय प्रतिवेदन जिन पर कार्रवाई चल रही है, जब तक वे पटल पर नहीं रखे जाते जानकारी प्राप्त नहीं की जा सकती। इसी तरह किसी प्रतिवेदन का परीक्षण भी हो रहा तो इससे संबंधित सवाल नहीं पूछा जा सकेगा।
4. प्रदेश में विघटनकारी, अलगाववादी संगठनों की गतिविधियों के संबंध में समय-समय पर प्रश्नों के माध्यम से ऐसी जानकारियां मांगी जाती हैं, जिसका उद्देश्य प्रदेश हित में नहीं होता है। ऐसे प्रश्नों का जवाब नहीं दिया जा सकेगा।
तब कांग्रेस ने नहीं दिए थे सुझाव
विधानसभा में 8 मार्च को जब भाजपा के वरिष्ठ विधायक बाबूलाल गौर ने समिति का प्रतिवेदन विधानसभा में रखा था, उसके बाद इस पर 15 मार्च तक सुझाव मांगे गए थे, लेकिन कांग्रेस के किसी भी विधायक ने कोई सुझाव नहीं दिया। इसके बाद विधानसभा ने नियम समिति द्वारा तय किए गए नियमों को लागू किए जाने का गजट में नोटिफिकेशन कर दिया।
नए नियम-नई बहस
अविश्वास प्रस्ताव पर संशय की स्थिति रहेगी
- नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के मुताबिक, जो नए नियम बनाए हैं, उससे विपक्ष द्वारा भविष्य में लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव को अनुमति दी जाएगी या नहीं। इसमें संशय की स्थिति बनी रहेगी। समिति के नए नियमों में यह स्पष्ट है।
- संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विधायकों के अधिकारों संबंधी जो नियमों में संशोधन किए गए हैं, उन पर यथास्थिति बनाए रखी जाए।
- विस अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने बताया कि वैसे तो नियमों में संशोधन को लेकर किसी भी विधायक ने तय किए गए समय में सुझाव नहीं दिए हैं, फिर भी नियमों में संशोधन के लिए सुझाव आते हैं, उन पर दोबारा विचार होगा।
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