नई दिल्ली. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि इराक के मोसुल में लापता हुए 39 भारतीय मारे गए हैं। उन्हें आतंकी संगठन आईएसआईएस ने मार डाला। मारे गए लोगों के सबूत मिल चुके हैं।
राज्यसभा में क्या बोलीं सुषमा?
- सुषमा स्वराज ने कहा, "हरजीत मसीह की कहानी सच्ची नहीं थी। मोसुल में लापता सभी 39 लोग मारे गए।"
- "एक केटरर ने बताया था कि सबको टेक्सटाइल फैक्ट्री में ले गए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशियों और भारतीयों को अलग रखा जाए।"
- "केटरर ने बताया कि हरजीत को बांग्लादेशी का अली बताकर बाहर निकाल दिया।"
- "इसस पहले जब मैं सदन में मामले के बारे बोली थी, तब इराक के विदेश मंत्री भारत में ही थे।"
- "इराक में जब वीके सिंह समेत भारतीय अफसर लोगों को ढूंढ रहे थे, तो उन्होंने वहां डीप पेनीट्रेशन रडार की मांग की। उन्हें जमीन के अंदर लोगों के दबे होने की बात बता लगी।"
- "भारतीयों के हत्या के सबूत मिले। पहाड़ खुदवाकर शवों को निकलवाया गया। लोगों के कड़े मिले।"
- "डीएनए टेस्ट में सबसे पहले संदीप नाम के लड़के का पता चला। कल 38 अन्य लोगों के डीएनए मैच होने के पता चला।"
- "मैं विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह का शुक्रिया अदा चाहती हूं कि जिन्होंने काफी धैर्यपूर्वक इस अभियान को पूरा किया। वे बदूस गए। मुश्किल हालात में रहे, जमीन पर सोए। फिर बॉडी को बगदाद लेकर आए।"
कैसे लापता हुए थे 39 भारतीय?
- इराक में लापता हुए भारतीयों में ज्यादातर पंजाब के रहने वाले थे। ये सभी मोसुल और इसके करीबी शहरों में मजदूरी के लिए गए थे।
- 2014 में इन्हें आईएस ने किडनैप किया था। आरोप है कि इन्हें मोसुल के किसी गांव की जेल में रखा गया और वहां उनसे मजदूरी कराई गई। इसके बाद से इन भारतीयों के बारे में कभी कुछ पुख्ता तौर पर सामने नहीं आया।
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