रायगढ़. नगर निगम में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सफाई के लिए प्लेसमेंट एजेंसी नियुक्त करने टेंडर किया गया है। पूर्व में विवादों से घिरी सनी सिक्युरिटी द्वारा भी निविदा प्रपत्र जमा किया गया है जिसको ले कर सफाई कामगारों में भी असंतोष है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि यदि सनी की दर कम भी आती है तो भी इस विवादित ठेका कंपनी की ठेका देना क्या उचित होगा?
नगर निगम प्रशासन द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष में सफाई कार्य के लिए प्लेसमेंट एजेंसी नियुक्त करने निविदा आमंत्रित की गयी है। मिली जानकारी के मुताबिक इस निविदा में अन्य निविदिकारो के अलावे पूर्व में काफी विवादित रही सनी सिक्युरिटी कंपनी द्वारा भी टेंडर भरा गया है। सनी सिक्युरिटी द्वारा टेंडर भरे जाने की सुगबुगाहट से सफाई कर्मचारियों में असंतोष फैल गया है। गौरतलब है कि पूर्व में सनी सिक्युरिटी द्वारा नगर निगम में लगभग डेढ़ वर्ष तक कार्य किया गया था। उक्त कार्यकाल काफी विवादित रहा था। सनी सिक्युरिटी के कार्य करने के दौरान समय पर भुगतान नहीं मिलने की बात को ले कर कर्मचारियों द्वारा कई दफे हड़ताल की गई थी। जिससे शहर की शहर की सफाई व्यवस्था भी प्रभावित हो रही थी। वंही सम्बंधित एजेंसी पर कर्मचारियों के एपीएफ की राशि का भुगतान नहीं करने का भी आरोप है तथा आज पर्यन्त सफाई कामगारों को उसका भुगतान नहीं हो पाया है। ऐसे में उक्त एजेंसी के मातहत कर्मचारी कार्य करने से कतरा रहे हैं। वहीं वर्तमान में सनी सिक्युरिटी द्वारा पुन: टेंडर में भाग लिया गया है, लेकिन इस एजेंसी को वापस काम देने पर एक बार फीर सफाई व्यवस्था चरमरा जाएगी। लिहाजा निगम प्रशासन को ऐसे एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड घोषित कर निविदा प्रक्रिया से ही बाहर कर देना चाहिए। ताकि सफाई का कामकाज सुचारू रूप से हो सके।
एमआईसी ने भी एफआईआर की अनुशंसा की थी
सनी सिक्युरिटी द्वारा कार्य किए जाने के दौरान इसके विरुद्ध लगातार आ रही शिकायतों एवं कर्मचारियों के असंतुष्ट रहने से ठप्प हो रहे काम काज पर मेयर इन कौंसिल में भी विचार किया गया था। इसके बाद इस ठेका कंपनी के कार्यकाल की जांच कर एफआईआर दर्ज कराने की एमआईसी ने अनुशंसा भी की थी।
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