जगदलपुर(छत्तीसगढ़). पुलिस ने लाल आतंक के सर्वाधिक वांटेड नामों की एक हिट लिस्ट तैयार की है। इसमें पहला नाम मिलिट्री कंपनी-1 के कमांडर हिड़मा का है। इसके अलावे 50 से ज्यादा दूसरे नक्सलियों का नाम भी इस सूची में है। इसमें कुख्यात माओवादियों की तस्वीर और उन पर रखे गए इनाम की जानकारी भी है। ये हिट लिस्ट संभाग के हर थाने और संभाग मुख्यालय में स्थित वार रूम में चस्पा की गई है। इसे अब हाट-बाजारों में भी लगाया जाएगा। अफसरों का कहना है कि इन माओवादियों के सरेंडर के प्रयास भी किए जा रहे हैं, जो समर्पण करेगा उसे नई जिंदगी मिलेगी और जो नहीं करेगा उसका एनकाउंटर किया जाएगा।
एमपीवी’ को उड़ाने का मास्टरमाइंड टारगेट पर
- हिटलिस्ट में शीर्ष स्थान पर वांटेड नक्सली कमांडर हिड़मा को रखा गया है। पिछले तीन सालों से लगातार बड़ी वारदात में शामिल हिड़मा फोर्स के लिए सिरदर्द बना हुआ है। हाल में किस्टाराम में बारूदी सुरंग से सुरक्षा के लिए बनाए गए ‘एमपीवी’ को उड़ाने का मास्टरमाइंड हिड़मा को ही माना जा रहा है। ऐसे में अब अफसर सीधे हिड़मा को टारगेट कर रहे हैं।
- सुकमा में लगातार वारदातों को अंजाम देने के बाद भी हिड़मा ने जिला नहीं छोड़ा है। खुफिया रिपोर्टों की मानें तो वह सुकमा की भौगोलिक परिस्थितियों का फायदा उठा रहा है। जंगल में अपने तगड़े नेटवर्क के कारण उसे फोर्स की हर गतिविधि पता रहती है। ऐसे में वह जवानों के पहुंचने से पहले ही अपना ठिकाना बदल रहा है।
- बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों के लिए सिरदर्द बने हिड़मा को ट्रैप करने एक बड़ी प्लानिंग पर काम किया जा रहा है। इसके लिए डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा कमांडो को जंगलों में उतारा जाएगा।
समर्पण किया तो फोटो पर हरा कट, एनकाउंटर पर लाल निशान :
पुलिस की हिटलिस्ट में शामिल नक्सलियों के समर्पण करने या एनकाउंटर होने पर लिस्ट से फोटो नहीं हटाई जा रही है बल्कि समर्पण वाले नक्सली के फोटो के ऊपर हरा निशान और एनकाउंटर होने पर लाल कट का निशान लगाई जा रही है।
हिड़मा की पत्नी राजक्का भी लिस्ट में शामिल, भाई माड़वी नक्सलियों को पढ़ाता है :
हिड़मा की ज्यादा जानकारी किसी के पास नहीं है। लेकिन जानने वाले कहते हैं कि उसके परिवार के सदस्य भी नक्सलवाद को फैला रहे हैं। उसने दो शादियां की हैं। उसकी दूसरी पत्नी राजक्का उर्फ राजे उसके साथ मिलिट्री अभियानों में हिस्सा लेती है। उसका एक भाई माड़वी नंदा नक्सलियों को पढ़ाता है। हिड़मा के दो अन्य भाई हैं पर वे इन कामों से दूर रहते हैं। उसके दूर के रिश्ते में आने वाले एक भाई ने नक्सलवाद से तौबा कर आंध्र में राइस मिल खोल ली है।
झीरम हमले के बाद बना साउथ जोनल कंपनी का मेंबर
हिड़मा सुकमा के पोलाड़ी गांव का रहने वाला है। कुछ लोग उसे जगरगुंडा के पूर्ववर्ती स्कूलपारा का भी बताते हैं। उसके तीन नाम माड़वी हिड़मा उर्फ इदमुल उर्फ पोड़ियाम भीमा हैं। बेहद शातिर होने के कारण उसे सीधे नक्सलियों की मिलिट्री कमीशन में जगह मिल गई थी। इसके बाद हिड़मा ने सबसे पहले ताड़मेटला कांड को अंजाम दिया। उसी पर झीरम हमले को अंजाम देने का भी आरोप हैं। इन दो वारदातों में ही करीब 107 लोगों की जान गई थी। ताड़मेटला कांड के दौरान हिड़मा मिलिट्री कंपनी नंबर-1 का कमांडर था। इस घटना के बाद उसे साउथ जोनल कंपनी का मेंबर बनाया गया। बताया जा रहा है कि बस्तर से नक्सली संगठन में इस पद पर पहुंचने वाला हिड़मा ही इकलौता व्यक्ति है।
40 लाख का इनाम, कई ऑपरेशन चले पर हर बार बच गया
हिड़मा पर छत्तीसगढ़ सरकार ने अलग-अलग वारदातों के बाद करीब 40 लाख रुपए का रखा है। टॉप वांटेड लिस्ट में उसका नाम पहले नंबर पर है। हमेशा एके-47 लेकर चलने वाले हिड़मा को पकड़ने या मारने के लिए चार से ज्यादा अभियान चलाए गए लेकिन वह हर बार बचकर निकल गया। उस पर 200 से ज्यादा लोगों की हत्या और हत्या की साजिश करने के कई आरोप हैं।
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