होशंगाबाद। नदी संरक्षण और नदियों के प्रति जनमानस में जागरूकता लाने के उद्देश्य से होशंगाबाद के बांद्राभान में पांचवे नदी महोत्सव की शुरूआत हो गई। इस 2 दिवसीय महोत्सव को केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश सोनी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने अपने संबोधन में कहा कि आज पानी की कमी भारत की सबसे बड़ी समस्या है। पानी की कमी का समाधान हमारी नदियों के संरक्षण में ही निहित है। उन्होंने कहा कि नदी का संबंध केवल पानी से नहीं है बल्कि नदियोंं का प्रभाव उसके प्रवाह के आसपास बसे लोगों के जीवन यापन से जुड़ा है।
गड़करी ने दिवंगत मंत्री अनिल माधव दवे को भी याद किया। उन्होंने कहा कि अनिल दवे ने नर्मदा को प्रदूषण से मुक्त कराने और उसकी सहायक नदियों के संरक्षण के लिए पूरा जीवन लगाया। नर्मदा के इतिहास को लोगोंं तक पहुंचाने के लिए अच्छा प्रयास किया।
उन्होंने ये भी कहा कि जल, जंगल, जमीन का सही उपयोग नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि पानी की कमी का सबसे बड़ा कारण है कि पानी के नियोजन की कमी। देश का 70 फीसदी से ज्यादा पानी समुद्र में मिल जाता है। इसलिए पानी के नियोजन के लिए सही प्लानिंग जरूरी है। हमारी सरकार इसी दिशा में काम कर रही है। साढ़े 8 लाख करोड़ के 30 प्रोजेक्ट तैयार हो रहे हैं, जबकि अब भी कई करोड़ों के प्रोजेक्ट पाइप लाइन में हैं।
गढ़करी ने कहा कि भारत की नदियों का पानी पाकिस्तान में बह रहा है। जिस पानी पर देश का अधिकार है उस पर कोई नहीं बोलता है, लेकिन पानी के लिए ही अपने देश के राज्य आपस में लड़ रहे हैं। ये पानी के गलत नियोजन का सबसे बड़ा उदाहरण है।
आयोजन स्थल पर तैयार हुए कुटीर
नदी महोत्सव में बाहर से आने वाले प्रतिभागियों के पंजीयन, बैठक और आवास से लेकर सुरक्षा एवं भोजन आदि व्यवस्थाओं का भी विशेष रूप से इंतजाम किया गया है। दो दिवसीय नदी महोत्सव कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र के बाद 4 समानंतर सत्र आयोजित होगे एवं इस बार के विशेष विषय पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई है। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा।
समानान्तर चर्चा का होगा सत्र
समानान्तर चर्चा (समग्र सत्र) में मुख्य वक्ता के रूप में केन्द्रीय मंत्री उमा भारती जी सहित समानान्तर सत्र के अध्यक्षगण क्रमशः भारती ठाकुर, श्रीनिवास मूर्ति , अजय झा , डॉ अनिर्बन गांगुली उपस्थित रहेंगे। 17 मार्च को समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर , विशिष्ट अतिथि वन मंत्री डॉ गौरीशंकर शेजवार उपस्थित रहेंगे एवं इस समापन सत्र की अध्यक्षता विधानसभा के अध्यक्ष डॉ सीताशरण शर्मा करेंगे।
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