मल्टीमीडिया डेस्क। मां दुर्गा की उपासना का पर्व नवरात्रि जल्द ही शुरू होने जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि से ही नए साल की शुरुआत भी हो जाती है। इस बार 18 मार्च से नवरात्रि की शुरुआत होगी जो 25 मार्च को अष्टमी और नवमी तिथि तक रहेगी। विक्रम नव संवत्सर 2075 में राजा सूर्य और मंत्री शनिदेव होंगे। अतः इस वर्ष नववर्ष का नाम विरोधकृत रहेगा।
10 सदस्यीय मंत्रिमंडल में सात विभाग शुभ ग्रहों के पास रहेंगे। इनमें सूर्य के पास 2, चंद्रमा के पास 3 तथा शुक्र के पास 2 विभाग होंगे। इस साल मेघेष शुक्र व धनेश चंद्र होंगे। इस कारण बारिश अच्छी होगी और फसलों की पैदावार भी ठीक रहेगी।
गौरतलब है कि पाप ग्रह माने जाने वाले शनि पिता सूर्य के साथ शत्रु भाव रखते हैं। हालांकि, सूर्य जहां यश कीर्ति बढ़ाने वाले देवता माने जाते हैं, वहीं शनि को न्याय का देवता, दंडाधिकारी माना जाता है। अतः सूर्य के कारण दुनियाभर में भारत का नाम बढ़ेगा, वहीं देश में शनिदेव भ्रष्ट अधिकारियों और लोगों को मुश्किल में डालेंगे।
शनि के मंत्री रहते न्याय व्यवस्था सुदृढ़ होगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन बढ़ेंगे। न्याय व्यवस्था में जनमानस का विश्वास बढ़ेगा। राजा और मंत्री पद पर दो नैसर्गिक विरोधी और क्रूर ग्रह होने तथा विरोधकृत संवत्सर होने से इस वर्ष सभी क्षेत्रों में विरोध और मतभेद देखने को मिलेंगे।
सत्ता में मंत्रियों और नौकरशाहों के बीच तनातनी, वर्षाकाल में कही कम, तो कहीं भारी बारिश होगी, नौकशाहों का जनता के प्रति कठोर रवैया हो सकता है। फलेश गुरु होने से सर्व प्रकार के कष्ट दूर होंगे। लोगों का धार्मिकता की तरफ झुकाव होगा। देश में महत्वपूर्ण मसलों को सुलझाने में धर्मगुरुओं का मार्गदर्शन मिलेगा। दुर्गेश शुक्र के होने से घर-परिवारों में मांगलिक कार्य होंगे।
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