वॉशिंगटन. रूस के पूर्व जासूस को ब्रिटेन में जहर दिए जाने के मामले में अमेरिका ने ब्रिटेन का साथ दिया है। यूनाइटेड नेशंस सिक्युरिटी काउंसिल के इमरजेंसी सेशन में अमेरिका की अम्बेस्डर निकी हेली ने कहा, “ब्रिटेन में दो लोगों को जहर देकर मारने के पीछे अमेरिका रूस को जिम्मेदार मानता है। अगर हमनें ऐसी घटनाएं रोकने के लिए मजबूत कदम नहीं उठाए तो सैल्सबरी आखिरी जगह नहीं होगी, जहां रासायनिक हमला किया गया है। कल न्यूयॉर्क या काउंसिल में बैठे किसी भी देश पर ऐसा हमला हो सकता है।”
- इस मामले का असर जून में होने वाले फुटबॉल वर्ल्ड कप में भी दिख सकता है। रूस, वर्ल्ड कप का मेजबान है और इंग्लैंड इसका बायकॉट भी कर सकता है। गुरुवार को इंग्लैंड के कॉमन फॉरेन अफेयर्स कमेटी के चेयरमैन टॉम टुजेनधट ने कहा, ‘रूस की पुतिन सरकार अपने विरोधियों को इसी तरह खत्म करती रही है। हमें इसका विरोध करना चाहिए। इंग्लैंड को वर्ल्ड कप का बायकॉट कर रूस पर दबाव बनाना चाहिए।’ कई मीडिया ग्रुप ने भी वर्ल्ड कप का बायकॉट करने की अपील की है।
- दरअसल, रूस के पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया 2010 से इंग्लैंड में रह रहे थे। ये दोनों चार मार्च को विल्टशर के सेल्सबरी सिटी सेंटर के बाहर बेहोश मिले थे। दोनों अभी भी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक, जासूस और उसकी बेटी को बेहोशी से उठाने गए पुलिसकर्मी डिप्टी सार्जेन्ट निक बेली भी जहर के असर में हैं और गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं।
- इंग्लैंड के कई मंत्रियों और सांसदों का कहना है कि रूस ने सर्गेई और उनकी बेटी को मारने की कोशिश की है। टॉम टुजेन ने कहा, ‘मैं आमतौर पर खेल और राजनीति को मिक्स नहीं करता। पर यह सुनियोजित साजिश है। हमें ऐसे देश में वर्ल्ड कप नहीं खेलना चाहिए, जो अपने विरोधियों को मारता हो।’
- माना जा रहा है कि इंग्लैंड के सांसद जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल के अधिकारियों से मिलकर बायकॉट के पक्ष में समर्थन जुटाएंगे।
- फीफा ने वर्ल्ड कप के बायकॉट की योजना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, फीफा ने चेतावनी दी है कि अगर किसी देश ने मौजूदा वर्ल्ड कप का बायकॉट किया तो उसे 2022 में होने वाले वर्ल्ड कप से भी बाहर कर दिया जाएगा।
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