Saturday, 24th May 2025

संसद सत्र: सोनिया-राहुल का लोकतंत्र में भरोसा नहीं: सरकार, कांग्रेस बोली- वो डेमोक्रेसी खत्म करना चाहते हैं

Tue, Mar 13, 2018 6:38 PM

नई दिल्ली. बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हुए 7 दिन हो चुके हैं लेकिन संसद में कामकाज पूरी तरह ठप है। मंगलवार को भी राज्यसभा शुरू होते ही हंगामे के चलते कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित हो गई। वहीं, लोकसभा की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। टीडीपी जहां आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रही है, वहीं कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां पीएनबी घोटाले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन में बयान देने की मांग पर अड़ी हैं। लोकसभा में 28 में से 21 बिल इस सत्र के लिए पेंडिंग हैं। बाकी 7 बिल स्थायी समितियों या संयुक्त समितियों के पास हैं। राज्यसभा में 39 बिल पेंडिंग हैं।

 

सरकार और विपक्ष के ने दिए ये बयान
- संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने मंगलवार को कहा, "हमने सदन की कार्यसूची में सभी महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया है। सभी सांसदों के लिए हमने व्हिप भी जारी किया है। हम सभी पार्टियों से आग्रह करते हैं कि सदन की कार्यवाही में हिस्सा लें और सार्थक बहस करें।"
- "हमने कांग्रेस और दूसरी पार्टियों से सदन चलाने का अनुरोध किया है। लगता है कि सोनिया और राहुल गांधी का लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है। वे संसद के बाहर तो लोकतंत्र पर खूब बातें करते हैं लेकिन सदन में इस पर अमल नहीं करते। कांग्रेस के जीन्स में ही लोकतंत्र नहीं है।"
- लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "डेमोक्रेसी खत्म करने के लिए जो करना चाहिए, वो सारे ऐसे कदम उठा रहे हैं। दूसरों को पाठ पढ़ा रहे हैं कि कांग्रेस चर्चा नहीं करना चाहती।"

संसद में 67 बिल पेंडिंग

- दोनों सदनों के सामने सरकारी कामकाज निपटाने के लिए भारी भरकम एजेंडा मौजूद है। 
- तीन तलाक का बिल राज्यसभा में आएगा तो विपक्ष बैकफुट पर होगा। लेकिन जब सरकार भगोड़े आर्थिक अपराधियों की भारत में संपत्ति कुर्क करने का विधेयक लाएगी तो नीरव मोदी पर विपक्ष सरकार को घेरेगा। एक नया बिल नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी कायम करने के लिए लाया जा रहा है।
- पुराने 67 बिल संसद में जमा हो चुके हैं। इनमें से 39 बिल राज्यसभा के पास हैं। इन 39 में से 12 बिल ऐसे हैं जो लोकसभा से पारित भी हो चुके हैं।
- लोकसभा के पास एक भी ऐसा बिल नहीं है जो राज्यसभा में पारित हो चुका हो और उसे निचले सदन की मंजूरी का इंतजार हो। लोकसभा में दस बिल स्थायी समितियों का रास्ता पार कर आए हैं जबकि राज्यसभा में ऐसे बिलों की संख्या 24 है।

ये बिल राज्यसभा से मुहर लगते ही बनेंगे कानून
- मुस्लिम महिला विवाह के मामले में अधिकारों के संरक्षण अधिकार का बिल 
- इंडियन मेडिकल काउंसिल (संशोधन) बिल
- अचल संपत्ति अधिग्रहण (संशोधन)
- भूमि अधिग्रहण पुनर्वास मामलों में निष्पक्ष मुआवजा और पारदर्शिता (संशोधन)
- व्हिसिल ब्लोअर संरक्षण (संशोधन)
- मोटर वाहन (संशोधन) बिल
- भ्रष्टाचार निवारक (संशोधन) बिल 2013

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