चेन्नई. यहां थेनी जिले के कुरंगनी पहाड़ी पर ट्रैकिंग पर गए लोगों को बचाने के लिए चार हेलिकॉप्टर के साथ 16 गरुड़ कमांडो सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। कुरंगनी पहाड़ी पर 36 लोगों का ग्रुप शनिवार को ट्रैकिंग के लिए गया था। ये लोग रविवार को जंगल की आग में फंस गए। ताजा जानकारी के मुताबिक 4 महिलाओं-एक बच्चे समेत 9 लोगों की मौत हो गई। 27 को बचा लिया गया है, जिनमें 8 की हालत गंभीर है।
ग्रुप में 25 महिलाएं, तीन बच्चे और आठ पुरुष शामिल
- थेनी कलेक्टर पल्लवी बल्देव ने बताया, "इस 36 मेंबरों के ग्रुप में 12 स्टूडेंट कोयम्बटूर समेत इरोड जिले से हैं और 24 लोग चेन्नई की एक ट्रेकिंग टीम से हैं। इनमें 25 महिलाएं, तीन बच्चे और आठ पुरुष शामिल हैं। ये सभी शनिवार सुबह कुरंगनी के जंगलों में ट्रैकिंग करने गए थे। रविवार सुबह वे आग में फंस गए। फायर ब्रिगेड को दोपहर 3 बजे आग की सूचना मिली थी।"
रेस्क्यू का इलाका दुर्गम
रेस्क्यू टीम के साथ तमिलनाड़ के फायर एंड रेस्क्यू सर्विसेस डिपार्टमेंट, पुलिस और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की टीम पहाड़ी के ऊपर रेस्क्यू ऑपरेशन करने पहुंची। इस दुर्गम इलाके में जहां गाड़ी तक लाने-ले जाने में मुश्किल हालात का सामना करना पड़ा, टीम जख्मियों को नीचे लेकर आई। रविवार देर शाम रोशनी की कमी के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया था।
आग में फंसे स्टूडेंट ने पिता को दी थी जानकारी
- जानकारी के मुताबिक, ट्रैकिंग के दौरान जंगल में आग के बीच फंसे एक स्टूडेंट ने वहां अचानक आग लगने की जानकारी अपने पिता को फोन किया और फिर ये सूचना वन विभाग को मिली।
- स्टूडेंट्स को निकालने के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने भी अपने 40 लोग लगा रखे हैं। जख्मियों को जिला अस्पताल में इलाज जारी है। 13 एम्बुलेंस को इस काम में लगाया गया है। वहीं गंभीर रूप से घायलों को बेहतर इलाज के लिए मदुरई के सरकारी अस्पताल ले जाया गया।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भेजी मदद
- हादसे की खबर मिलने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री ई. पलानीसामी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से एयरफोर्स की मदद मांगी थी।
- सीतारमन ने ट्वीट कर बताया कि उन्हें सीएम ने इस घटना की जानकारी दी है, और उन्होंने एयरफोर्स को स्टूडेंट की मदद करने और उन्हें निकालने के निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने लिखा कि वे लगातार थेनी जिला कलेक्टर के संपर्क में हैं। आग में फंसे और स्टूडेंट्स को बचाने का काम चल रहा है।
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