वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन की मुलाकात उत्तर कोरिया की तरफ से ठोस कार्रवाइयों के बाद ही होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति के किम के साथ बातचीत के अप्रत्याशित फैसले के बाद ह्वाइट हाउस ने शनिवार को यह बयान दिया।
ह्वाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा कि उत्तर कोरिया द्वारा किए गए वादों पर ठोस कार्रवाई किए बिना यह मुलाकात नहीं होगी। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या ठोस कार्रवाई का आशय क्या है। जबकि ह्वाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि सैंडर्स का इरादा बातचीत के लिए नई शर्तें थोपना का नहीं है।
मगर, इससे संकेत मिलता है कि दोनों देशों के बीच गतिरोध अभी दूर नहीं होने वाला है। ट्रंप ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा था कि उत्तर कोरिया के साथ समझौता होने वाला है। अगर यह पूरा हो गया तो दुनिया के लिए बहुत अच्छा होगा। इसके लिए समय और स्थान तय किया जाना है।
इससे पहले उन्होंने गुरुवार को घोषणा की थी कि वह किम के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। गौरतलब है कि उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार और मिसाइल कार्यक्रम को लेकर दोनों नेताओं के बीच एक साल से तीखा वाकयुद्ध चल रहा था।
सैंडर्स ने कहा कि ट्रंप प्रशासन परमाणु कार्यक्रम को लेकर उत्तर कोरिया पर अधिकतम दबाव बनाना जारी रखेगा। सैंडर्स के बयान का मकसद ट्रंप के बातचीत के फैसले को लेकर अमेरिका में निंदा का बचाव करना है। आलोचकों का कहना है कि इससे किम के रुख को बढ़ावा मिलेगा।
ट्रंप-चिनफिंग बातचीत
ट्रंप ने उत्तर कोरिया मसले से जुड़े विश्व के नेताओं से फोन पर बातचीत की। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने उत्तर कोरिया मसले के राजनीतिक हल की ट्रंप इच्छा की सराहना की। उन्होंने उम्मीद जताई कि अमेरिका और उत्तर कोरिया जल्द संपर्क और बातचीत शुरू करेंगे और सकारात्मक नतीजे पर पहुंचेंगे। चिनफिंग से वार्ता के दौरान ट्रंप ने भी उम्मीद जताई की किम उत्तर कोरिया के भविष्य के लिए उज्ज्वल रास्ता चुनेंगे।
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