मल्टीमीडिया डेस्क। मंगल 7 मार्च 2018 को शाम 6.27 बजे मूल नक्षत्र के प्रथम चरण से होते हुए धनु राशि में प्रवेश करेंगे। शनि वर्तमान में इसी राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं इन दोनों ग्रहों की युति होने से कुछ विपरीत परिस्थितियां दिखाई देंगी।
मंगल 2 मई 2018 को दोपहर 4.19 तक धनु राशि में विचरण करेंगे। ये दोनों ही ग्रह पाप ग्रहों की श्रेणी में आते हैं और मूल नक्षत्र भी अग्नि तत्व व हिंसक होने से इस गोचरीय काल में कुछ अप्रिय घटनाओं की स्थितियां उत्पन्न होंगी।
देखने में आया है कि जब कभी भी इन दोनों ग्रहों का स्थान, दृष्टि संबंध बना है, तो भूमि पर विनाशकारी भूकंप, प्राकृतिक आपदाएं, कृषि संबंधी समस्याएं आई हैं। इन दोनों ग्रहों का आपस में विपरीत होना दुनिया में अशांति, अमंगल, भय आदि की परिस्थितियों को पैदा करेगा।
वैदिक ज्योतिष में शनि और मंगल की युति को द्वंद्व योग की संज्ञा दी गई है। जब भी इन दोनों ग्रहों का संबंध बनता है, तो हिंसा, प्राकृतिक आपदा, अमंगल घटनाएं घटित होती हुई देखी गई हैं।
इस राशि के जातक रहें सावधान
मेष, वृष, कन्या, वृश्चिक, धनु व मकर राशि वाले जातकों को इस दौरान काफी सतर्क रहने की जरूरत है। इन राशि के जातकों के लिए मंगल और शनि की युति में नुकसान होने की आशंका है। वृश्चिक
साथ ही कार्य स्थल पर स्थितियां विपरीत होने के कारण मानसिक परेशानी और निराशा का दौर हो सकता है। अत: इस राशि के जातकों को वाणी और अनियंत्रित क्रोध पर नियंत्रण रखें।
जानें राशियों पर असर
मेष राशि- मेष राशि का स्वामी मंगल है। मेष राशि और लग्न वालों के लिए शनि-मंगल की युति नवें स्थान पर होगी। यह अचानक दुर्घटना का योग बनाती है। पिता-पुत्र का विवाद हो सकता है। सेहत पर ध्यान दें, फिजूल खर्ची से बचें।
वृष राशि- इस राशि के लिए शनि और मंगल की युति अष्टम भाव में हो रही है। परिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद पैदा हो सकता है।
कन्या राशि- कन्या राशि के जातकों के लिए शनि और मंगल की युति चतुर्थ भाव में रहेगी। इस कारण इस राशि वालों के लिए आने वाले दो महीने आर्थिक तंगी हो सकती है। इस दौरान आपकी सेहत में भी गिरावट आ सकती है।
वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि मंगल की ही राशि है और शनि-मंगल आपने इस राशि में दूसरे भाव में आने से शुभ संकेत हैं। मंगल इस राशि के जातकों को काफी लाभ दिलाएगा। हालांकि, शनि के कारण शत्रु सक्रिय रहेंगे। यह आपको आपकी प्रतिष्ठा को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
धनु राशि- शनि और मंगल की युति इसी राशि में हो रही है। इसलिए इस युति का सबसे ज्यादा असर इसी राशि के जातकों पर होगा। गुरु के स्वामित्व वाली इस राशि के जातकों को आर्थिक परेशानी और मान-सम्मान में कमी का सामना करना पड़ सकता है। व्यापारी और नौकरी पेशा लोगों को हानि और तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
मकर राशि- इस राशि के जातकों के लिए मंगल और शनि की युति दसवें भाव में हो रही है। तनाव बढ़ सकता है, चोरी होने की आशंका है।
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