शिलांग। कॉनरेड संगमा मेघालय के नए मुख्यमंत्री बनेंगे और मंगलवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। अंतिम तीन घंटों में बीजेपी मेघालय में बाजी पलटने में कामयाब रही। बीजेपी, एनपीपी, यूडीपी और दूसरी छोटी पार्टियों को एक मंच पर लाने में सफल रही। वहीं, 21 सीटें जीतने और सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी कांग्रेस पार्टी मेघालय में सरकार बनाने में असफल रही है। जबकि, महज 2 विधायकों के साथ बीजेपी सरकार में शामिल होने जा रही है।
असम के मंत्री और बीजेपी नेता हेमंत बिस्व शर्मा ने बताया कि राज्य में कोई उपमुख्यमंत्री नहीं होगा। उन्होंने कहा, 'हमारे पास 34 विधायकों का समर्थन है और यह आंकड़ा अभी बढ़ सकता है। उधर, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह एक सकारात्मक संदेश है कि क्षेत्रीय पार्टियां अपने क्षेत्र के लिए साथ आ रही हैं। यह लोगों का फैसला है और हमें इसे स्वीकार करना चाहिए।
पूर्व स्पीकर के बेटे हैं कॉनरेड
मेघालय की राजनीति में कॉनराड संगमा की शुरुआती पहचान पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा के बेटे की रही है। वह 16वीं लोकसभा में अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र तुरा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। दिलचस्प बात ये भी है कि कॉनराड ने इस बार का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है। बावजूद इसके वह सीएम पद की रेस में वे आगे निकल गए।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों पीए संगमा की राजनीतिक विरासत की उत्तराधिकारी पीए संगमा की बेटी अगाथा संगमा को मान रहे थे। दरअसल, अगाथा केंद्र में मंत्री रहीं हैं, राज्य की राजनीति में सक्रिय थीं और मुख्यमंत्री पद की रेस में भी उनका नाम सबसे ऊपर था। मगर, कॉनरेड ने सीएम पद की दौड़ में बाजी मार ली।
कॉनराड पहली बार साल 2008 के चुनावों में जीतकर मेघालय विधानसभा में पहुंचे थे। वह राज्य के सबसे युवा वित्त मंत्री रह चुके हैं।
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