Thursday, 22nd May 2025

अब गांव भी बनेंगे स्मार्ट, छत्तीसगढ़ के 5 गांवों को मिले 50 करोड़

Thu, Mar 1, 2018 7:00 PM

बिलासपुर । स्मार्ट सिटी की तर्ज पर अब केंद्र सरकार ने गांवों को स्मार्ट बनाने का निर्णय लिया है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत जिले के पांच गांवों को स्मार्ट बनाने के लिए चयन किया गया है। इसके लिए 50 करोड़ का फंड रखा गया है। एक गांव को स्मार्ट बनाने में 10 करोड़ रुपए खर्च करेंगे।

केंद्र शासन की योजना पर गौर करें तो जिले के पांच गांवों को 50 करोड़ रुपए खर्च कर स्मार्ट बनाए जाएंगे। यहां शहरों की तर्ज पर सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इन गांवों को तीन साल में गरीबी के अभिशाप से मुक्ति भी दिलाई जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।

यह पहली मर्तबे है जब जिले के एक कलस्टर का चयन श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत हुआ है। जिला प्रशासन ने जिले के मस्तूरी ब्लॉक में जयरामनगर को एक कलस्टर बनाया है। इसमें जयरामनगर के अलावा खुड़ुुभाठा, भदौरा, किसान परसदा और मोहतरा को शामिल किया गया है।

इन गांवों को श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना के तहत स्मार्ट बनाने का खाका तैयार किया था। इसे अनुमोदन के लिए राज्य शासन को भेजा गया था। बीते दिनों कलेक्टर पी दयानंद और जिला पंचायत सीईओ फरिहा आलम सिद्दीकी ने पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के एसीएस के समक्ष प्रेजेंटेशन दिया था।

प्रेजेंटेशन राज्य शासन को पसंद आया और केंद्र सरकार को इसके अनुमोदन के लिए फाइल भेज दी गई थी। केंद्र सरकार ने भी जयरामनगर कलस्टर को रूर्बन मिशन योजना में शामिल कर लिया है। केंद्र से स्वीकृति मिलते ही इन गांवों के स्मार्ट बनने का रास्ता साफ हो गया है। पांचों गांवों को 17 विभाग मिलकर स्मार्ट बनाएंगे। यह प्रोजेक्ट तीन साल में पूरा करना है। इसमें 50 करोड़ रुपए खर्च आएंगे।

तीन साल में गरीबी हटाने की योजना

योजना के तहत तीन साल में तीनों गांवों को गरीबी से मुक्त किया जाएगा। इसके लिए वहां पशुपालन विभाग ग्रामीणों के लिए डेयरी खोलेगा। उनकी आर्थिक स्थिति ऊपर उठाने के लिए उन्हें व्यवसाय से जोड़ा जाएगा। मछली पालन करने के लिए नए तालाब बनाए जाएंगे। खेती की उन्नत तकनीक के गुर सिखाए जाएंगे। गांवों को गंदगी से मुक्त करने के लिए सालिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट लागू किया जाएगा।

30 फीसदी राशि केंद्र और 70 प्रतिशत राज्य सरकार देगी

योजना में खर्च होने वाली राशि का 30 प्रतिशत केंद्र सरकार देगी। शेष राशि राज्य शासन वहन करेगा। यानी कि राज्य के 17 विभागों की ओर से वहां काम कराया जाएगा। योजना के तहत पांचों गांवों में स्थित सभी सरकारी स्कूलों को मॉडल बनाया जाएगा। इसमें प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं। यहां प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सारी सुविधाएं होंगी। स्मार्ट क्लॉस में एलईडी से पढ़ाई कराई जाएगी।

- केंद्र सरकार ने गांवों को स्मार्ट बनाने की योजना बनाई है। इसके तहत जिले के पांच गांव का चयन किया गया है। केंद्र ने इसकी अनुमति भी दे दी है। जल्द काम शुरू किया जाएगा। पी दयानंद-कलेक्टर

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