दमिश्क. नार्थ कोरिया सीरिया में रासायनिक हथियार तैयार करने के लिए जरूरी सामान मुहैया करा रहा है। प्योंगयांग से कुछ मिसाइल साइंटिस्ट 2016-17 में वहां गए भी थे। इनमें से कुछ बरजेह, अदरा और हमा इलाकों में अभी भी हो सकते हैं। यूनाइटेड नेशंस की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। बता दें कि राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना पर पहले भी विद्रोहियों के खिलाफ रासायनिक हथियार इस्तेमाल करने के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि, वे इससे इनकार करते हैं।
मददगारों का दावा, रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल हुआ
- सीरिया की जंग में जख्मियों की मदद करने वाली संस्थाएं दावा करती हैं कि उन्होंने रासायनिक हमलों के शिकार लोगों का इलाज किया है।
सीरिया पर कब लगा रासायनिक हमले का आरोप?
- पिछले साल कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने दावा किया था कि सीरिया और रूस की सेना ने देश के इदलिब प्रांत पर रासायनिक हमले किए थे।
- सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि हमला विद्रोहियों के कब्जे वाले खान शेखौन शहर में किया गया।
- हालांकि, सीरियाई सेना का दावा था कि उसने आतंकियों के जिस गोडाउन पर बमबारी की उसमें रासायनिक हथियार रखे थे।
नॉर्थ कोरिया पर लगे हैं अंतर्राष्ट्रीय बैन
- नॉर्थ कोरिया पर अंतर्राष्ट्रीय नियमों को ताक पर रखकर एटीम और मिसाइल टेस्ट करने के आरोप लगते रहे हैं। इसके चलते अमेरिका और यूएन ने उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं।
- इसके बावजूद कहा जाता है कि नॉर्थ कोरिया के कुछ अफसर हथियारों के सौदे और नई टेक्नोलॉजी हासिल करने के लिए गुपचुप तरीके से दूसरे देशों के सफर पर जाते रहते हैं।
विद्रोहियों का आखिरी ठिकाना घोउटा
- घोउटा में 5 साल में 1300 लोग मारे गए हैं। यह विद्रोहियों का आखिरी ठिकाना है।
- घोउटा राजधानी दमिश्क से करीब 15 किमी दूर है। यह इलाका 5 साल से विद्रोहियों के कब्जे में हैं।
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