नई दिल्ली.नरेंद्र मोदी जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला II बिन अल हुसैन के साथ इस्लामिक हैरिटेज के एक प्रोग्राम में शामिल हुए। मोदी ने कहा कि इस्लाम की विरासत को बताया नहीं जा सकता है, बल्कि इसे सिर्फ महसूस किया जाता है। इंसानियत के खिलाफ जुल्म करने वाले ये नहीं जानते कि नुकसान उनके मजबह का भी होता है। जिसके लिए लड़ने का वो दावा करते हैं। बता दें कि किंग अब्दुल्ला मंगलवार रात तीन दिन के दौरे पर भारत पहुंचे। तब मोदी उन्हें रिसीव करने एयरपोर्ट गए थे।
मोदी ने इस्लाम हैरिटेज पर क्या कहा?
- नरेंद्र मोदी ने कहा, ''इस्लाम की सच्ची पहचान बनाने के लिए आपकी महत्वपूर्ण भूमिका को बताया नहीं जा सकता। उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। योर हाईनेस प्रिंस की जिस किताब का अभी जिक्र किया गया। वो भी जॉर्डन में आपकी कोशिशों का एक शानदार नतीजा है। मुझे पूरी उम्मीद है कि यह लोगों को इस्लाम को समझने में मददगार होगी और उसे दुनियाभर के युवा जरूर पढ़ेंगे। आपने जिस तरह आपने यहां आने की मेरी गुजारिश का स्वीकार किया वो भारत के प्रति आपके स्नेह को बताती है।''
- ''योर मैजेस्टी आप (किंग अब्दुल्ला) स्वयं विद्वान हैं और भारत से बहुत अच्छी तरह वाकिफ हैं। आप भली प्रकार जानते हैं कि दुनिया के सभी बड़े धर्म भारत के पालने में पले-बढ़े हैं। दुनियाभर के मजहब और मत भारत की मिट्टी में पनपे हैं यहां की हवा में उन्होंने सांस ली। अमन और मोहब्बत की खुशबू भारत के चमन से सारी दुनिया में फैली है। इसने हमें सही रास्ता दिखाया है।''
दिल्ली गंगा जमुनी परंपरा का मेल है
- मोदी ने कहा, ''भारत के जनमानस में यह एहसास भरा हुआ है कि हर धर्म की रोशनी में एक ही नूर है। भारत की राजधानी दिल्ली और पुरानी मान्यताओं के अनुसार इंद्रप्रस्थ है। यह सूफियानों की सरजमी भी रही है। सैफुद्दीन औलिया यहीं से थे। यह भारत की मिली-जुल गंगा जमुनी परंपरा का मेल है।''
- ''भारत और भारतीयों ने सारी दुनिया को एक दुनिया मानकर अपनी पहचान बनाई है। सांसस्कृतिक विविधता यह भारत की पहचान है विशेषता है। हर भारतीय को अपनी इस विशेषता पर गर्व है। चाहे भी वह कोई भी जुबान का शख्स हो चाहे वम मंदिर में दिया जलाए, मस्जिद में इबादत करे, चर्च में प्रार्थना करे या गुरुद्वारे में शबद गए। होली के कुछ ही समय रमजान का पवित्र महीना होगा। ये कुछ भारतीय त्योहारों के उदाहरण हैं। फ्रेंड दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में राजनीति विविधता और सामंजस्य का आधार है।''
Comment Now