दमिश्क. सीरिया और रूस की गठबंधन सेना के लगातार छठवें दिन विद्रोहियों के गढ़ घोउटा पर हमले जारी रहे। यहां 5 दिन में 97 बच्चों समेत 403 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। पिछले 72 घंटे में 22 अस्पताल और डिस्पेंसरी तबाह हो गए हैं। मानवाधिकार संगठन सीरियन आब्जर्वेटरी के मुताबिक रविवार के बाद से अब तक हमलों में करीब 1500 लोग घायल हुए हैं। घायलों का इलाज भी नहीं हो पा रहा है। सबसे बुरी स्थिति बच्चों की है। उन्हें इलाज नहीं मिल पा रहा है। हालांकि डोउमा शहर का सबसे बड़ा हॉस्पिटल चल रहा है। पर यहां इतने डॉक्टर और नर्स नहीं हैं, जो हर किसी की मदद कर सकें।
- यूनाइटेड नेशंस (यूएन) ने गठबंधन सेना से कहा है कि वह कम से कम 30 दिन के लिए हमले बंद करे, ताकि बच्चों और महिलाओं राहत मिल सके। यूएन सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरस ने घोउटा को पृथ्वी का नरक बताया है।
रूस ने इस्तेमाल किए 200 से ज्यादा तरह के हथियार
- रूस के एयबोर्नट्रूप्स के पूर्व कमांडर और रशियन संसद ड्यूमा के डिफेंस कमेटी के हेड व्लादिमीर शैमनोव का कहना है कि रूस ने सीरिया में ताजा हमलों में 200 से ज्यादा नए तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया है।
लोग इलाज के लिए बच्चों को लेकर भाग रहे
- घोउटा में सबसे बुरी स्थिति बच्चों की है। न्यूज एजेंसियों द्वारा जारी वीडियो में लोग इलाज के लिए बच्चों को लेकर भागते हुए नजर आ रहे हैं। बड़ी संख्या में बच्चे कपड़े और कंबल से लिपटे हुए दिख रहे हैं। कई बच्चे ट्रक पर लेटे हुए हैं। खून से लथपथ बच्चे चीख रहे हैं। कई मलबों में दबे हुए हंै।
हमले रुकवाने के लिए आएं: एंजेला मर्केल
- जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा है कि बच्चों की हत्या और अस्पतालों को नष्ट करना नरसंहार है। दुनिया हमले रुकवाने के लिए आगे आए। वहीं, यूएन ने सुरक्षा परिषद की बैठक में प्रस्ताव दिया कि 72 घंटे के भीतर हमले रोके जाएं, पर रूस ने इसे मानने से मना कर दिया।
विद्रोहियों का आखिरी ठिकाना घोउटा
- घोउटा में 5 साल में 1300 लोग मारे गए हैं। यह विद्रोहियों का आखिरी ठिकाना है।
- घोउटा राजधानी दमिश्क से करीब 15 किमी दूर है। 4 लाख की आबादी वाला यह इलाका 5 साल से विद्रोहियों के कब्जे में हैं।
Comment Now