भोपाल। भाजपा की स्टार प्रचारक यशोधराराजे सिंधिया द्वारा कोलारस उपचुनाव के समय पार्टी नेता के घर में कुछ लोगों को संबोधित करते हुए जो बातें कहीं थीं, उस पर मिले नोटिस का जो जवाब दिया गया था उसे चुनाव आयोग ने संतोषप्रद नहीं माना।
आयोग ने आदेश में निंदा करते हुए कहा कि आप जिम्मेदार राजनेता है, इसलिए जब भी चुनाव प्रचार में जाएं तो चौकन्ने रहें। प्रदेश कांग्रेस ने सिंधिया पर चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं को लालच देने के साथ धमकाने का आरोप लगाया था, जिस पर कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था।
चुनाव आयोग के प्रमुख सचिव अनुज जयपुरिया ने आदेश में कहा कि जवाब मिला। उसका परीक्षण किया गया। जवाब में सिंधिया ने आरोपों को नकारते हुए कहा था कि आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया गया। पार्टी के कार्यकर्ता के घर गई थी, जहां कुछ लोगों को संबोधित कर शासन की योजनाओं के बारे में बताया था।
आयोग ने कहा कि आमसभा भले न हो पर कुछ लोगों के समूह से चर्चा हुई, इस पर भी आचार संहिता लागू होती है। इसके भी कोई मायने नहीं है कि जो लोग मौजूद थे वे पार्टी कार्यकर्ता हैं या कोई अन्य। पूरा मामला आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन का है, जो निंदनीय है।
माया सिंह को नोटिस, 25 तक मांगा जवाब
चुनाव आयोग ने भाजपा नेता और मंत्री माया सिंह को कांग्रेस की शिकायत पर नोटिस जारी किया है। सिंह ने मुंगावली में चुनाव प्रचार के दौरान सरकारी योजनाओं के लाभ को लेकर मतदाताओं से की बात कही थी, जिसको लेकर कांग्रेस ने आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत की थी। इस पर आयोग ने नोटिस जारी कर उनसे 25 फरवरी शाम पांच बजे तक जवाब मांगा है।
मुख्यमंत्री को भी आयोग ने दी सलाह
मुंगावली उपचुनाव में प्रचार के दौरान भाजपा के स्टार प्रचार शिवराज सिंह चौहान द्वारा कुकरेटा और बक्सनपुर के बीच पुल को लेकर अप्रत्यक्ष तौर पर पुल बनाने की बात कहने के मामले में चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुना दिया है। आयोग ने कांग्रेस की शिकायत पर जांच रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट और वीडियो का परीक्षण करने के बाद आयोग ने आदेश जारी कर कहा कि जो कहा गया वो आचार संहिता की भावना का उल्लंघन है। आयोग ने उन्हें सलाह दी है कि भविष्य में आचार संहिता के दौरान भाषण संभलकर दें।
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