भोपाल। प्याज की फसल को भावांतर योजना में शामिल करने का प्रस्ताव अगले हफ्ते होने वाली कैबिनेट की बैठक में आ सकता है। प्याज के समर्थन मूल्य और लागत को लेकर वित्त विभाग द्वारा उठाई गई आपत्ति के बावजूद उद्यानिकी विभाग ने प्याज नीति के मसौदे को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया है।
अधिकारियों के मुताबिक प्याज को शामिल करने के लिए भावांतर योजना के सॉफ्टवेयर को अपडेट करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। वित्त विभाग ने प्याज का समर्थन मूल्य 8 स्र्पए प्रति किलो रखने पर आपत्ति जताते हुए इसका आधार पूछा था। इसके साथ ही प्याज की लागत करीब 4 स्र्पए प्रति किलो बताई थी।
सूत्रों के मुताबिक उद्यानिकी विभाग ने इस आपत्ति का जवाब सहित प्रस्ताव कैबिनेट को भेज दिया है। वित्त विभाग की आपत्ति के बाद अब कैबिनेट तय करेगी कि प्याज का समर्थन मूल्य कितना रखा जाए। उद्यानिकी विभाग ने प्याज का समर्थन मूल्य 8 स्र्पए प्रति किलो रखने का प्रस्ताव दिया है।
गौरतलब है कि पिछले साल प्याज खरीदी में सरकारी खजाने को हुए भारी नुकसान को देखते हुए इस साल प्याज को भावांतर योजना में शामिल करने का फैसला किया गया है, ताकि सरकार को प्याज की खरीदी न करना पड़े और किसानों को फसल के सही दाम मिल जाएं।
प्रस्ताव के तहत राज्य सरकार प्याज का समर्थन मूल्य 8 स्र्पए प्रति किलो रखेगी और भावांतर योजना के रूप में अधिकतम 4 स्र्पए प्रति किलो की दर से किसानों को भुगतान किया जाएगा। इसके साथ ही प्याज का भंडारण करने वाले किसानों को भी सरकार मदद करेगी। पिछले साल 33 लाख मीट्रिक प्याज का उत्पादन हुआ था।
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