Saturday, 24th May 2025

भारत-कनाडा के बीच 6 करार; बंटवारों की खाई खोदने वालों के लिए कोई जगह नहीं- मोदी

Sat, Feb 24, 2018 4:06 AM

नई दिल्ली.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा पीएम जस्टिन ट्रूडो के बीच शुक्रवार को हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता हुई। दोनों देशों के बीच साइंस और एनर्जी समेत 6 सेक्टर में करार हुए। इसके बाद दोनों ने ज्वाइंट स्टेटमेंट दिया। इस मौके पर मोदी ने कहा- "हमारे देशों की सम्प्रभुता, एकता और अखंडता को चुनौती देने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मेरा मानना है कि बंटवारों की खाई खोदने वालों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। बता दें कि कैनेडियन डेलिगेशन में खालिस्तान समर्थक शामिल होने की वजह से ट्रूडो का यह दौरा विवाद में आ गया था।

 

मोदी बोले- कनाडा के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ाएंगे

- ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में नरेंद्र मोदी ने कहा, ''मैं कनाडा गया था, तब मुझे वहां लोगों का भारत के प्रति काफी लगाव देखने को मिला। मुझे आशा है कि पीएम ट्रूडो ने भी भारत आकर परिवार के साथ काफी आनंद लिया होगा। हमने कई सेक्टर को लेकर बात की, जिनमें दोनों देश मिलकर काम कर सकते हैं। आज की चर्चा में हमने आतंकवाद का खतरा देखते हुए सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए साथ मिलकर काम करने का फैसला लिया। हमारे एनएसए मिले हैं और आगे भी मुलाकात करेंगे।''

- ''कनाडा के साथ अपने स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने को भारत बहुत अधिक महत्व देता है। हमारे रिश्ते लोकतंत्र, बहुलवाद, कानून की सर्वोच्च और आपसी संपर्क पर आधारित हैं। कनाडा का पेंशन फंड भारत का आर्थिक साझेदार बना हुआ है। कनाडा के साथ आर्थिक संबंधों को और बढ़ाएंगे।''

पार्टनरशिप जरूरी है दोनों देशों के बीच

- नरेंद्र मोदी ने कहा- ''हायर एजुकेशन के लिए कनाडा बेहतर डेस्टिनेशन है। आज 1 लाख से ज्यादा भारतीय स्टूडेंट वहां पढ़ाई कर रहे हैं। इसके लिए हमने एमओयू को रिन्यू किया है। टेक्नोलॉजी को बढ़ाने के लिए प्रयास जारी हैं। दोनों देशों के बीच इसकी पार्टनरशिप जरूरी है। सूचना और संचार के क्षेत्र में बेहतरी के लिए दोनों सरकारें तैयार हुई हैं।''
- ''हमारी एटोमिक कैपिसिटी बढ़ाने की जरूरत है। कनाडा यूरेनियम का बड़ा सप्लायर है। एक तरह से एनर्जी का सुपर पावर है। कनाडा हमारी एनर्जी की बढ़ती जरूरतों को पूरा कर सकता है। उत्तर कोरिया में हथियारों के इस्तेमाल और मालदीव में लोकतंत्र की स्थिति को लेकर हमारे विचार एक हैं। कनाडा के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रति हम प्रतिबद्ध हैं और भारत के विकास में कनाडा की भागीदारी चाहते हैं।''

बंटवारों की खाई खोदने वालों के लिए कोई जगह नहीं

- नरेंद्र मोदी ने कहा- "सम्प्रदाय का राजनीतिक उद्देश्य के लिए उपयोग करने वालों और बंटवारों की खाई खोदने वालों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। हमारे देशों की सम्प्रभुता एकता और अखंडता को चुनौती देने वालों को भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। आतंकवाद और उग्रवाद से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री ट्रुडो और मैं सहमत हुए हैं।

कनाडा के पीएम ने क्या कहा?

- ट्रूडो ने कहा, ''आज हमने दोनों देशों के बीच दोस्ती और पार्टनरशिप को आगे बढ़ाया है। कनाडा की इकोनॉमी में विविधता नजर आती है। हम अपनी सीमाओं से आगे जाकर बिजनेस को आगे बढ़ाना चाहते हैं। भारत हमेशा से कमर्शियल को-ऑपरेशन में एक भरोसेमंद दोस्त रहा है।''

ट्रूडो के दौरा पर क्यों हुआ विवाद?

- कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का यह दौरा दो वजह से विवादों में रहा।

- पहला- कैनेडियन मीडिया ने कहा कि भारत ने ट्रूडो के दौरे को दूसरे देशों के पीएम और प्रेसिडेंट की तुलना में ज्यादा अहमियत नहीं दी।

- दूसरा- ट्रूडो 20 फरवरी को मुंबई गए थे। एक फोटो में अटवाल यहां ट्रूडो की पत्नी सोफिया के साथ नजर आया। एक अन्य फोटो में वह ट्रूडो के मंत्री अमरजीत सोही के साथ भी दिखाई दिया।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर मिनिस्टर अमरजीत सोही और डिफेंस मिनिस्टर हरजीत सिंह सज्जन को भी खालिस्तान समर्थक कहा जाता है।

भारत और कनाडा के बीच हुए 6 करार

1) कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स

2) एनर्जी
3) स्पोर्ट्स
4) इंटेलेक्टुअल प्रॉपर्टी राइट्स
5) हायर एजूकेशन

6) साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन

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