पुणे. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) चीफ राज ठाकरे ने नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार का ओपन लाइव इंटरव्यू किया। पुणे के बीएमसीसी ग्राउंड में इस इंटरव्यू के देखने 5 हजार से ज्यादा दर्शक पहुंचे। राज ने शरद पवार से पूछा कि, उन्होंने 19 साल पहले कांग्रेस क्यों छोड़ी? इस पर जवाब मिला- सोनिया गांधी ने खुद को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया, जबकि उस वक्त मैं विपक्ष का लीडर था। बता दें कि राज ठाकरे ने इस इंटरव्यू के लिए पवार को कुछ महीने पहले इन्विटेशन भेजा था, जिस पर उन्होंने हामी भर दी थी। एक एमएनएस कार्यकर्ता के मुताबिक, 11 साल बाद ऐसा हो रहा है जब इन दोनों नेताओं ने मंच साझा किया।
आप कांग्रेस में शुरू से रहे, फिर ऐसा क्या हुआ कि आपको कांग्रेस छोड़नी पड़ी?
- "मैंने कांग्रेस इसलिए छोड़ी, क्योंकि बीजेपी सरकार के गिरने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद को पीएम कैंडिडेट के तौर पर पेश किया था जबकि मैं विपक्ष का नेता था। दिल्ली की राजनीति में महाराष्ट्र के नेताओं को बढ़ने से रोका जाता रहा है।"
नरसिम्हा राव और आपके बीच क्या हुआ था?
- "नरसिम्हा राव के कहने पर मैं रक्षामंत्री बना था। मैंने हमेशा से देश को आगे बढ़ाने की राजनीति की है। पूरी दुनिया की नजर मुंबई और महाराष्ट्र पर थी। जो लोग यहां पैसे लगा रहे थे वे एक कुशल, सही लीडरशिप देख रहे थे। इसलिए मैं दिल्ली छोड़ महाराष्ट्र आ गया।"
ऐसे क्या चीज है, जो महाराष्ट्र के लोगों को एकजुट कर सकती है?
- "शिवाजी महाराज।"
क्या आप शाहू, फुले और अम्बेडकर के नाम से कभी अपना भाषण शुरू करेंगे?
- "महाराष्ट्र का मतलब शिवाजी महाराज है। इन तीनों ने समाज को एकजुट करने का काम किया और धर्म और जात-पात से लड़ना सिखाया। लेकिन, महाराष्ट्र को मजबूत बनाने के लिए शाहू, फुले और अम्बेडकर के विचारों को भी महत्व देना पड़ेगा।"
महाराष्ट्र पूरे देश के लिए सोचता है, लेकिन देश महाराष्ट्र के लिए नहीं सोचता। प्रधानमंत्री मोदी सभी को अहमदाबाद लेकर जा रहे हैं। आपको नहीं लगता यह महाराष्ट्र और मराठी को डैमेज कर रहे हैं?
- "सच्चाई यह है कि इससे हम जैसे लोगों को कुछ नुकसान जरूर हो रहा है, लेकिन देश हमेशा से महाराष्ट्र से बड़ा रहेगा। अगर आप देश को लीड करना चाहते हैं तो आपको गुजरात और अहमदाबाद पर गर्व होना चाहिए। लेकिन यह भी याद रखना चाहिए की आप देश के नेता हैं ना कि किसी प्रदेश से आए हुए नेता।"
ठाकरे : विदर्भ से इतने मुख्यमंत्री होकर गए। मौजूदा सीएम देवेंद्र फडणवीस भी विदर्भ के ही हैं। फिर स्वतंत्र विदर्भ की मांग क्यों?
-"विदर्भ की स्थिति अलग है। पहले नागपुर, अकोला तक का हिस्सा मध्य भारत में आता था। उनकी प्रमुख भाषा हिंदी थी। नागपुर, चंद्रपुर, भंडारा, गोंदिया में अधिकतम हिंदी ही बोली जाती है। इन्हीं चार जिलों से प्रमुख रूप से स्वतंत्र विदर्भ की मांग की जा रही है। लेकिन इस मांग का नेतृत्व करनेवाला वर्ग मूलतया मराठी नहीं है। इन जिलों के मराठी भाषी लोग इस मांग का समर्थन नहीं करते।"
वर्तमान में मूल्य आधारित राजनीति नहीं दिख रही है, ऐसा क्यों?
-"व्यक्तिगत हमले करते हुए हम किस पद पर है, इसका बोध होना चाहिए। जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार थी, तब वे (वाजपेयी) हर किसी का सम्मान किया करते थे। पर दुर्भाग्य से अब ऐसा नहीं हो रहा। संसद में पीएम मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के विरोध में दिए बयानों से इसे समझा जा सकता है।"
भारत में अन्य देशों के प्रमुख आने पर प्रधानमंत्री मोदी उन्हें अहमदाबाद दिखाते हैं, आप क्या कहेंगे?
- "वे (पीएम मोदी) जब देश का नेतृत्व कर रहे हैं तो उन्हें महज गुजरात, अहमदाबाद सामने नहीं रखना चाहिए। सभी क्षेत्रों का विचार करना चाहिए।"
मोदी ने मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट शुरू किया है। क्या यह गुजरातियों को महाराष्ट्र या मुंबई से दूर करने की साजिश है?
- "इसमें दो चीजें हैं। हमने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का विरोध किया है। हम चाहते हैं कि दिल्ली-मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन चले। कोई अकेले अहमदाबाद नहीं जाना चाहता। बुलेट ट्रेन के शुरू होने से शहर में और भीड़ बढ़ेगी। दूसरा अभी बुलेट ट्रेन की कोई जरूरत नहीं है। अभी बहुत सी बसें और ट्रेनें मुंबई और अहमदाबाद को कनेक्ट करती हैं। महाराष्ट्र को कोई भी तोड़ नहीं सकता।"
आरक्षण व्यवस्था को लेकर क्या कहेंगे?
- "आरक्षण जाति आधारित नहीं बल्कि आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर दिया जाना चाहिए।"
आपके हिसाब से कांग्रेस का क्या भविष्य है और राहुल गांधी के बारे में आप क्या सोचते हैं?
- "पुरानी कांग्रेस गांवों में थी। देश में लोकतंत्र है। देश के कई हिस्सों में कांग्रेस कमजोर हुई है। वर्तमान में राहुल पर इसके गिरते ग्राफ को रोकना एक बड़ा चैलेंज है। अब मुझे लग रहा है कि वे सीखने के लिए तैयार हैं। वे गांव-गांव जा रहे हैं और कांग्रेस को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। जब मैं रक्षामंत्री बना तब मुझे सेना की रैंक भी पता नहीं थी। रक्षामंत्री बनने के बाद मैंने सेना के एक अधिकारी को बुलाया और उनसे सभी बारीक जानकारियां हासिल कीं। वर्तमान में आप हर फील्ड में एक्सपर्ट नहीं हो सकते, लेकिन आप में सीखने का जज्बा होना चाहिए। राहुल में भी वही भावना मुझे नजर आ रही है।"
पहले राज पर निशाना साध चुके हैं पवार
- पवार का राज ठाकरे के प्रति लगाव देखकर एमएनएस नेता भी हैरान हैं। कुछ साल पहले पवार, राज पर सरेआम निशाना साध चुके हैं।
- उन्होंने एक बार राज के लिए कहा था, "जो लोग दिन में सोकर उठते हैं, कभी अच्छे नेता नहीं बन सकते।" एक सीनियर एमएनएस कार्यकर्ता ने कहा, "2006 से करीब 11 साल बाद एक बार फिर पवार साहेब, राज साहेब के साथ मंच साझा करेंगे। जरूर पवार साहेब के मन में कुछ बात है।"
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