Thursday, 22nd May 2025

रोटोमैक स्कैम: कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी को दिल्ली लाया गया, सीबीआई करेगी पूछताछ

Wed, Feb 21, 2018 11:07 PM

3695 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोपों में रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी और उनके बेटे को पूछताछ के लिए दिल्ली लाया गया।

 

नई दिल्ली. 3695 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोपों में घिरे रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी और उनके बेटे को पूछताछ के लिए बुधवार को दिल्ली लाया गया। ऐसी खबर है कि सीबीआई दोनों से सवाल-जवाब कर सकती है। इससे पहले इन्हें कानपुर में हिरासत में लिया था। फिर दोनों को लखनऊ ले जाया गया। मंगलवार को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कंपनी के 14 बैंक अकाउंट अटैच कर दिए थे। यह कार्रवाई बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर की गई। सीबीआई ने सोमवार सुबह कोठारी के कानपुर स्थित घर समेत कुल 3 ठिकानों पर छापा भी मारा। इससे पहले मीडिया में 800 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की बात सामने आई थी।

 

ये मामला क्या है?

- न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीबीआई ने बताया कि रोटोमैक कंपनी के विक्रम कोठारी समेत 3 डायरेक्टर्स ने 7 बैंकों के कॉन्सर्टियम को धोखा दिया और बेइमानी से 2919.29 करोड़ रुपए का बैंक लोन निकाला। इसमें लोन का इंट्रेस्ट शामिल नहीं किया गया है। ब्याज जोड़कर ये रकम 3695 करोड़ रुपए हो जाती है। कंपनी ने बैंक को यह रकम नहीं चुकाई है।

कितने बैंकों का कर्ज है?

-सात बैंक से पेन बनाने वाली कंपनी रोटोमैक ने लोन लिया था।

- बैंक ऑफ बड़ौदा: 456.53 करोड़ रुपए
- बैंक ऑफ इंडिया: 754.77 करोड़ रुपए
- बैंक ऑफ महाराष्ट्र:49.82 करोड़ रुपए 
- इलाहाबाद बैंक: 330.68 करोड़ रुपए
- ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स: 97.47 करोड़ रुपए 
- इंडियन ओवरसीज बैंक:771.07 करोड़ रुपए
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया:458.95 करोड़ रुपए

यह मामला कैसे सामने आया ?
- विक्रम कोठारी के खिलाफ 600 करोड़ का बाउंस चेक देने का केस हुआ है। इस मामले में आरबीआई ने इलाहाबाद बैंक को नोटिस भेजा है। बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर सीबीआई ने कोठारी के खिलाफ केस दर्ज किया। इसके बाद अफसरों ने सोमवार को उनके ठिकानों की सीबीआई और इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) की ज्वाइंट टीम ने तलाशी ली।

किन पर केस दर्ज किए गए?
- इस केस में रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिडेट के डायरेक्टर विक्रम कोठारी, पत्नी साधना कोठारी और बेटे राहुल कोठारी का नाम है। ऐसा गया कि कोठारी के खिलाफ मनी लाड्रिंग का केस भी दर्ज किया गया है।

बैंकों का क्या आरोप है?
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बैंकों का आरोप है कि विक्रम कोठारी ने ना लोन की रकम लौटाई और न ही ब्याज दिया। इस पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइडलाइंस पर एक आधिकारिक जांच कमेटी गठित की गई। कमेटी ने 27 फरवरी 2017 को रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को विलफुल डिफॉल्टर (जानबूझकर कर्ज नहीं चुकानेवाला) घोषित कर दिया।
- 13 अप्रैल 2017 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को उसकी उन संपत्तियों या किस्तों का ब्योरा पेश करने का आदेश दिया था, जिनका बैंक ऑफ बड़ौदा को भुगतान किया गया।

कोठारी ने सफाई में क्या कहा था?
- 11,356 करोड़ के पीएनबी घोटाले के बाद सोशल मीडिया पर यह खबरें आई थीं कि कोठारी भी देश छोड़कर भाग गए हैं। कोठारी ने शुक्रवार को वीडियो जारी कर कहा था, ''मैं देश छोड़कर कहीं नहीं भागा हूं। बैंकों से लोन लिया है, लेकिन ये सही नहीं है कि मैंने लोन चुकता नहीं किया। बैंकों के साथ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में केस चल रहा है। जल्द ही फैसला आएगा। बैंकों ने मेरी कंपनी को नॉन परफॉर्मर संपत्ति घोषित किया है डिफॉल्टर नहीं। मैंने लोन लिया है और जल्द ही उसे वापस कर दूंगा।'' 
- ''भारत छोड़कर कहीं नहीं जा रहा हूं। इससे महान कोई देश नहीं है। मैं कानपुर का निवासी हूं, यहीं रहता हूं और यहीं रहूंगा। हालांकि, मुझे बिजनेस के सिलसिले में विदेश जाना पड़ता है।''

कौन है विक्रम कोठारी?
- विक्रम कोठारी जाने-माने दिवंगत उद्योगपति एमएम कोठारी (मनसुख लाल महादेव भाई कोठारी) का बेटा है। एमएम कोठारी का जन्म कानपुर के छोटे से गांव निराली में हुआ था। वह 8 भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। प्राइवेट नौकरी से करियर की शुरुआत की। धीरे-धीरे करके उन्होंने स्कूल समेत कई संस्थानों की शुरुआत की। पान पराग और रोटोमैक की नींव रखी।

- एमएम कोठारी के निधन के बाद उनकी विरासत दो बेटे विक्रम और दीपक के हाथ में आ गई थी। विक्रम ने रोटोमैक संभाला और दीपक ने पान मसाले के बिजनेस को आगे बढ़ाया।

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