सेंधवा (बड़वानी)। 'जहां चाह है, वहां राह है", यह कहावत सेंधवा जनपद पंचायत के आदिवासी बहुल ग्राम मेंदलियापानी के लोगों ने चरितार्थ कर दी है।
प्रतिवर्ष गर्मी में जल संकट से परेशान होने वाले ग्रामीणों ने प्रति परिवार प्रतिदिन एक-एक रुपया इकट्ठा कर जनसहयोग से ग्राम में 4 निस्तार तालाब बना दिए। अब जल स्तर बढ़ने से गर्मी में पेयजल की दिक्कत खत्म हो सकेगी। आसपास के 30 से अधिक खेतों में सिंचाई हो सकेगी, वहीं मवेशियों के लिए पानी भी उपलब्ध हो सकेगा।
सरकारी स्तर पर 15 से 20 लाख रुपए में बनने वाले ये 4 तालाब महज सवा लाख रुपए में तैयार हो गए। सरंपच झिंगली बाई के अनुसार ग्राम में वर्षों पुराने एकमात्र तालाब गाद भर जाने से अनुपयोगी हो गया है। ग्राम में जल स्तर कम होने से गर्मी में हैंडपंप सूखने से पेयजल की दिक्कत आती है। एक माह पूर्व आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन (आकास) ने ग्राम को गोद लेकर प्रेरक की भूमिका निभाते हुए राह दिखाई।
ग्रामीणों ने खुद राशि एकत्रित कर तालाब बनाने का बीड़ा उठाया। श्रमदान के साथ ही दो जेसीबी से नवाड़ फल्या, खरत्या फल्या, डेडरिया फल्या और जामन्या फल्या में पिछले 6 दिनों में 4 तालाब बना दिए। तालाबों की औसत लंबाई न्यूनतम 20 और अधिकतम 52 मीटर, गहराई साढ़े 3 से साढ़े 5 मीटर तक है।
जेसीबी संचालक व चालक हनुमान जाट और असलाराम जाट ने मात्र डीजल की राशि ही ली। इधर, पांचवें तालाब के लिए भी निर्माण स्थल का चयन कर लिया गया है। एक पखवाड़े में तालाब तैयार होने पर गांव के 50 फीसदी से अधिक किसानों को फायदा होगा।
ग्राम उत्थान के लिए एक रुपया
एक माह से गांव के उत्थान के लिए प्रतिदिन प्रत्येक परिवार से स्वेच्छा से एक रुपया एकत्रित किया जा रहा है। कई परिवार तो सदस्य संख्या के मान से राशि दे रहे हैं। एकत्रित राशि को बैंक खाते में रखकर विकास कार्य होंगे। गांव में 415 परिवार होकर 2 हजार 250 आबादी है।
रविवार को बैठक के दौरान जेसीबी संचालकों का सम्मान किया गया। बैठक में मेंदलियापानी सरपंच झिंगली बाई, नेवालाल कनोजे हिंगवा सरपंच, मगन कनोजे गेरूघाटी सरपंच, मिट्ठू रावत खोखरी सरपंच, एनवीडीए डीएफओ खंडवा डीएस डोडवे (प्रांतीय उपाध्यक्ष, आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन), काशीराम पवार गुना व ग्रामीण मौजूद थे।
सरकारी स्तर पर दिक्कत
मेंदलियानी सरपंच के पुत्र गुच्छा जमरे ने बताया कि सरकारी स्तर पर 3 साल पहले तालाब निर्माण हो रहा था। उसमें भ्रष्टाचार के कारण काम बंद हो गया। पंचायत स्तर पर तालाब स्वीकृत कर बनाने पर मजदूर नहीं मिलना, मजदूरों द्वारा ठीक से काम नहीं करना सहित मजदूरों को समय पर राशि नहीं मिलने से दिक्कत आती है। इस कारण जनसहयोग से तालाब निर्माण कराए गए हैं। इससे राहत मिलेगी।
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