Friday, 23rd May 2025

बिल गेट्स ने कहा- मेरे जैसे अमीरों को ज्यादा टैक्स देना चाहिए; टैक्स सुधार का फायदा सुपर रिच को ही होगा

Tue, Feb 20, 2018 7:20 PM

न्यूयॉर्क. दुनिया के दूसरे सबसे बड़े रईस और माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स ने कहा है कि उन्हें और उन जैसे दूसरे अमीरों को ज्यादा टैक्स देना चाहिए। सरकार को भी ऐसे लोगों पर ध्यान देना चाहिए जो टैक्स में ज्यादा कॉन्ट्रीब्यूशन दे सकें। बता दें, हाल ही अमेरिकी सरकार ने नया टैक्स कानून लागू किया है। इसमें कॉरपोरेट्स को टैक्स में छूट का प्राॅविजन है। ऐसे में गेट्स का यह बयान मायने रखता है।

 

64 हजार करोड़ रुपए टैक्स पेयर हैं बिल गेट्स

बिल गेट्स की नेटवर्थ 5.79 लाख करोड़ रुपए है। पिछले साल उन्होंने करीब 64 हजार करोड़ रु. टैक्स अदा किया है, जो किसी भी शख्स के मुकाबले ज्यादा है। अमेजन के जेफ बेजोस के बाद गेट्स दुनिया में दूसरे सबसे अमीर शख्स हैं। बेजोस की नेटवर्थ 5.82 लाख करोड़ रुपए है। गेट्स अपनी संपत्ति में से 2.5 लाख करोड़ रु. भलाई के कामों के लिए दान कर चुके हैं। इनमें मलेरिया और पोलियो खत्म करने के साथ साउथ अफ्रीका में पीने का साफ पानी मुहैया कराने जैसे कैम्पेन खास हैं।

अमेरिकी टैक्स सुधारों से ज्यादा कमाई वालों को फायदा

- गेट्स ने एक इंटरव्यू में कहा कि नया टैक्स सुधार प्रोग्रेसिव (कमाई बढ़ने के साथ टैक्स रेट बढ़ना) नहीं, बल्कि रिग्रेसिव (ज्यादा कमाई पर कम टैक्स) है। नए नियमों में की गई टैक्स कटौती का फायदा मिडिल क्लास के लोगों को मिलना चाहिए था, लेकिन इसका सबसे बड़ा फायदा सुपर रिच लोगों को होगा।

- गेट्स ने आगे कहा कि गरीब और मिडिल क्लास के लोगों के मुकाबले पैसे वाले लोगों को ज्यादा फायदा मिल जाएगा। ऐसा माना जाता है कि अमीर लोग ज्यादा टैक्स दे रहे हैं और उससे सेफ्टी नेट मजबूत हो रही है। जैसा ट्रेंड हम देखना चाहते हैं, यह इसके उलट है।

सरकार को नीतियों पर फिर से विचार करने की जरूरत

‘बढ़ती असमानता’ पर गेट्स ने कहा है कि सभी समृद्ध लोकतंत्रों को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। गेट्स ने कहा कि आबादी का छठा हिस्सा चिंताजनक हालात में जी रहा है। हमें भी इसे लेकर फिक्रमंद होना चाहिए। सरकार को नीतियों पर फिर से विचार करना होगा। आखिर हम उन लोगों के लिए बेहतर काम क्यों नहीं कर पा रहें?

गेट्स से पहले 400 अमेरिकी रईस भी ऐसा प्रपोजल दे चुके हैं

- गेट्स का यह प्रपोजल बिल्कुल वैसा है, जो पिछले साल नवंबर में करीब 400 करोड़पतियों और अरबपतियों ने अमेरिकी संसद को दिया था। उन्होंने खुली चिट्ठी लिखकर कहा था कि अमीरों के टैक्स में कटौती नहीं होनी चाहिए। इससे रेवेन्यू का नुकसान होगा और इसका असर एजुकेशन और मेडिकल जैसी सेवाओं पर पड़ेगा। इससे देश पर कर्ज का बोझ भी बढ़ेगा और लोगों पर खर्च करने की उसकी क्षमता में कमी आएगी। ज्यादा छूट असमानता को भी बढ़ावा देगी।

- लेटर लिखने वालों में जॉर्जसोरोस, स्टीवन रॉकफेलर, जैरी ग्रीनफील्ड और बेन एंड जैरी आइस्क्रीम के फाउंडर बेन कोहेन जैसे दिग्गजों के साथ कई डॉक्टर, वकील, लॉयर्स और सीईओ शामिल थे।

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