मुंबई.बैंक फ्रॉड में सीबीआई ने गीतांजलि जेम्स और पंजाब नेशनल बैंक के 30 कर्मचारियों को पूछताछ के लिए मुंबई ऑफिस बुलाया है। सोमवार को पीएनबी के 3 और अफसरों की गिरफ्तारी हुई। 11,356 करोड़ के फ्रॉड में आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के वकील विजय अग्रवाल ने दावा किया है कि 2जी और बोफोर्स मामले की तरह यह केस भी ऐसे ही खत्म हो जाएगा। जांच एजेंसियां मीडिया के सामने हल्ला मचा रही हैं, लेकिन कोर्ट में आरोप साबित करने के लिए उनके पास कोई पुख्ता सबूत नही हैं। उधर, फ्रॉड को लेकर दायर एक पिटीशन पर 23 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। बता दें कि सीबीआई ने नीरव समेत उनके रिश्तेदार और गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चौकसी को मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी बनाया है।
मंगलवार के अपडेट्स...
- फ्रॉड केस से जुड़े गीतांजलि जेम्स और पंंजाब नेशनल बैंक के 30 कर्मचारियों को मुंबई स्थित सीबीआई ऑफिस बुलाया गया।
- वकील विजय अग्रवाल ने कहा है कि नीरव इस केस में बरी हो जाएंगे।
- पीएनबी फ्रॉड को लेकर वकील विनीत ढांडा ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर की है। इस पर 23 फरवरी को सीजेआई दीपक मिश्रा की बेंच सुनवाई करेगी।
नीरव-पीएनबी केस में अब तक क्या हुआ
1) नीरव मोदी ने बैंक मैनेजमेंट को लिखा लेटर
- आरोपी नीरव मोदी ने 13 फरवरी को लेटर में कहा, '"मामले को उजागर कर पीएनबी ने रिकवरी के सारे रास्ते बंद कर लिए। बैंक की जल्दबादी में मेरा ब्रांड और धंधा चौपट हो गया।''
- ''बैंक ने जितनी देनदारी बताई हैं, उतनी है नहीं। यह 5000 करोड़ से भी कम है। मेरी कंपनियों के खातों में पड़ी रकम से 2200 कर्मचारियों को सैलरी देने की इजाजत दी जाए।''
2) पीएनबी के 3 और मैनेजर गिरफ्तार
- सीबीआई ने सोमवार देर शाम पीएनबी के 3 और मैनेजर गिरफ्तार कर लिए। इनमें फॉरेक्स डिपार्टमेंट के तत्कालीन चीफ मैनेजर बच्चू तिवारी, फॉरेक्स डिपार्टमेंट के स्केल-2 मैनेजर यशवंत जोशी और एक्सपोर्ट सेक्शन में तैनात स्केल-1 अधिकारी प्रफुल्ल सावंत का नाम शामिल है। अब तक 6 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
3) सोमवार को भी जांच एजेंसियों की छापेमारी
- ईडी ने सोमवार को नीरव के वर्ली में समुद्र महल स्थित अपार्टमेंट और सीबीआई ने लोअर परेल स्थित दफ्तर में छापे मारे। कई शहरों में 38 जगह छापे मारकर 22 करोड़ रु. के हीरे और ज्वेलरी जब्त की गई। अब तक 5,716 करोड़ रु. का सामान जब्त हो चुका है। इनकम टैक्स ने गीतांजलि ग्रुप और मेहुल चौकसी की 7 और प्रॉपर्टी अटैच कर लीं।
- गीतांजलि जेम्स को 2013 में लोन देने के मामले ईडी की टीम इलाहाबाद बैंक के पूर्व डायरेक्टर दिनेश दुबे के वड़ोदरा स्थित घर पहुंची। वहीं, ईडी ने बिहार के मुजफ्फरनगर में नक्षत्र और पुणे के मॉल में गीतांजलि के शो रूम समेत महाराष्ट्र में 4 ठिकानों पर छापेमारी की।
4) नीरव की टीम के पास थे पीएनबी के पासवर्ड
- घोटाले में गिरफ्तार हुए पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी, सीडब्ल्यूओ मनोज खरात और नीरव के अॉथराइज्ड सिग्नेटरी हेमंत भट्ट ने पूछताछ में सीबीआई के सामने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं।
- आरोपियों ने बताया कि स्विफ्ट सिस्टम में लॉग इन के लिए अकाउंट डिटेल और पासवर्ड नीरव की टीम के पास थे। जो लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के लिए जरूरी है। नीरव के लाेग पीएनबी अधिकारी के तौर पर अवैध तरीके से सिस्टम में लॉग इन करते थे।
- सूत्रों की मानें तो आरोपियों को बदले में कमीशन मिलता था। हर एलओयू और स्विफ्ट सिस्टम के अवैध एक्सेस पर प्रतिशत तय था। यह रकम घोटाले में शामिल कर्मचारियों के बीच बंटती। करीब आधा दर्जन बैंक कर्मचारियों और बाहरी लोगों का हाथ भी घोटाले है।
5) पीएनबी के 10 सस्पेंड कर्मचारियों से 8 घंटे पूछताछ
- सीबीआई को पीएनबी में 11,394 करोड़ रु. के घोटाले की रकम ज्यादा होने की आशंका है। जांच एजेंसी ने रविवार को सभी बैंकों से उनके यहां एलओयू में हुई गड़बड़ियों की रिपोर्ट मांगी।
- सूत्रों के मुताबिक, कई एलओयू मई, 2018 में मैच्योर होंगे। ऐसे में घोटाले की रकम 11,394 करोड़ रु. से कहीं ज्यादा हो सकती है। इसी बीच, पीएनबी के 10 सस्पेंड कर्मचारियों से सीबीआई ने 8 घंटे से ज्यादा पूछताछ की।
6) 200 शेल कंपनियां जांच के दायरे में
- नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से जुड़ी 200 से ज्यादा शेल कंपनियां जांच के दायरे में हैं। इनका इस्तेमाल घोटाले की रकम की रूटिंग के लिए किया जाता था।
- सीबीआई गीतांजलि ग्रुप की 18 एसोसिएट कंपनियों की बैलेंस शीट की भी जांच कर रही है। बैंक अफसरों से इन कंपनियों में मनी लॉन्ड्रिंग की रकम खपाने की जानकारी मिली है।
क्या है पूरा मामला?
- पंजाब नेशनल बैंक ने पिछले दिनों सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले के जानकारी दी थी। घोटाले को पीएनबी की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में अंजाम दिया गया। शुरुआत 2011 से हुई। 7 साल में हजारों करोड़ की रकम फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (LoUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई।
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