नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तर-पूर्व के दो राज्यों के दौरे पर अरुणाचल प्रदेश पहुंचे। पीएम मोदी ने राजधानी इटानगर में दोर्जी खांडू राज्य सभागार का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व सरकार पर निशाना साधा साथ ही अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं।
पीएम ने कहा कि देश में बहुत पैसा है लेकिन बाल्टी में छेद हो तो पानी भरेगा क्या? हमारे देश में पहले ऐसा ही चला है।
उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए और इसलिए हम देश में अलग-अलग राज्यों में मेडिकल कॉलेज खोलने जा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्यों जब कोई अपने घरेलू माहौल में पढ़ता है तो उसे वहां की बीमारियों और परिस्थितयों का बेहतर अनुभव होता है।
पीएम ने आगे कहा कि मोरारजी देसाई पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने नॉर्थ-ईस्ट काउंसिल बैठक में हिस्सा लिया था, उसके बाद जितने भी पीएम आए वो काफी व्यस्त थे और उनके पास वक्त नहीं था। लेकिन मैं यहां आपके लिए आया हूं।
प्रधानमंत्री अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बाद त्रिपुरा रवाना होंगे। यहां वो चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे।
गौरतलब है कि त्रिपुरा की सत्ता को हासिल करने के लिए भाजपा 'मोदी मैजिक' की रणनीति के तहत काम कर रही है और इस मकसद से ही पीएम मोदी यहां दो चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे। भाजपा ने त्रिपुरा की माणिक सरकार की अगुवाई वाली वामपंथी सरकार को चुनावी अखाड़े में पटखनी देने के लिए अपना आखिरी दांव चला है। इसी के तहत पीएम त्रिपुरा पहुंचेंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया कोऑर्डिनेटर अनिल बलूनी ने कहा, 'एक समय था जब 20-25 लोग ही केवल एकत्र होते थे और पार्टी को उसी में संतुष्ट होना पड़ता था। लेकिन पार्टी अध्यक्ष की ज्यादातर रैलियों में 20,000 से ज्यादा लोगों पहुंचे।' बता दें कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दो दिवसीय त्रिपुरा यात्रा के दौरान बलूनी भी उनके साथ मौजूद थे।
पिछले सप्ताह भी पीएम मोदी ने त्रिपुरा का दौरा किया था और अब पीएम की इस चुनावी यात्रा को भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वहीं, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी कई सार्वजनिक मीटिंग और रोडशो किए थे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ भी पार्टी के मुख्य चुनाव प्रचारक हैं।
गौरतलब है कि 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा के लिए 18 फरवरी चुनाव होगा। भाजपा 51 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि उसकी गठबंधन सहयोगी 'इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा' (आईपीएफटी) ने 9 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।
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