जम्मू. यहां के सुंजवां आर्मी कैम्प पर शनिवार तड़के आतंकी हमला हुआ। हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ बताया जा रहा है। एक जवान शहीद हो गया, जबकि 2 जख्मी हुए हैं। अनुमान है कि तीन आतंकी कैम्प में छिपे हुए हैं, जिन्हें पुलिस ने घेर लिया है। पूरे इलाके में सिक्युरिटी फोर्स को तैनात कर दिया गया है। कैम्प के अंदर रुक-रुककर फायरिंग की आवाज आ रही है। पूरे शहर में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। कैंप के 500 मीटर के दायरे में स्थित स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
कैम्प के पिछले दरवाजे से दाखिल हुए आतंकी
- जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद ने बताया कि आतंकी पिछले दरवाजे से कैम्प में दाखिल हुए। उन्होंने बताया कि तीन आतंकियों के कैम्प में मौजूद होने का अनुमान है, जिन्हें घेर लिया गया है।
- हमले में जख्मी हुए लोगों में एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर की बेटी भी शामिल है।
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक फायरिंग में एक शख्स की मौत भी हुई है। हालांकि, इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इंटेलिजेंस ने आर्मी या सिक्युरिटी एस्टेबलिशमेंट पर जैश के हमले की वॉर्निंग दी थी।
- एजेंसी ने कहा था कि अफजल गुरू की डेथ एनीवर्सरी के मद्देनजर जैश आतंकी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं। बता दें कि 9 फरवरी 2013 को अफजल को फांसी दी गई थी।
आतंकियों ने बंकर पर की फायरिंग
- न्यूज एजेंसी ने जम्मू के आईजी एसडी सिंह जामवाल के हवाले से बताया कि शनिवार तड़के 4:55 बजे संतरी के बंकर पर फायरिंग की गई। इस पर जवानों की ओर से जवाबी फायरिंग की गई। आतंकी सेना के एक क्वार्टर में घुसे हुए हैं।
- इस हमले के बारे में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के डीजीपी से बात की है। साथ ही गृह मंत्रालय के अफसरों को इस पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
आसपास के स्कूल बंद रखने के निर्देश
- इस आतंकी हमले के बाद जिला प्रशासन ने कैम्प के आसपास 500 मीटर के दायरे में सभी स्कूल बंद रखने को कहा गया है।
पिछले महीने हुआ था CRPF कैम्प पर हमला
- जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 7 जनवरी को सीआरपीएफ कैंप पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 3 कैप्टन समेत 5 शहीद हो गए थे।
- जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकी मारे गए थे। जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
- CRPF के स्पोक्सपर्सन राजेंद्र यादव ने बताया था कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब लोकल टेररिस्ट्स ने सुसाइड अटैक को अंजाम दिया है।
2 बड़े हमले हुए
- पिछले साल घाटी में 182 बटालियन बीएसएफ कैम्प पर अक्टूबर में फिदायीन हमला हुआ था। सिक्युरिटी फोर्स की कार्रवाई में सभी 3 आतंकी मारे गए थे। हालांकि, एक जवान भी शहीद हो गया था। तब जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली थी।
- इसके पहले जून में सीआरपीएफ के काफिले पर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने हमला किया था। इसमें एक सब इंस्पेक्टर शहीद हो गया था। वहीं, दो जवान भी जख्मी हुए थे। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली थी। गाड़ी पर फायरिंग करने के बाद आतंकी पास के एक स्कूल में छिप गए थे। कुछ देर बाद आर्मी ने मोर्चा संभाला था और स्कूल में छिपे सभी आतंकियों को मार गिराया गया था।
2017 में 206 आतंकी मारे गए
- 2017 में सिक्युरिटी फोर्सेस ने जम्मू और कश्मीर में 206 आतंकवादियों को ढेर किया। J&K के पुलिस चीफ एसपी वैद ने कहा, "मैं ये साफ कर देना चाहता हूं कि हमारे ऑपरेशन केवल टेररिस्ट को मार गिराने के लिए ही नहीं, बल्कि उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने के लिए भी था। हमने 75 युवाओं को मुख्यधारा में शामिल कराया है।"
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