भोपाल। अगर आप चांदी की बर्क वाली मिठाईयां ज्यादा पसंद करते है तो जरा ध्यान दीजिए। ऐसी मिठाईयां आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। दरअसल गुरुवार को 10 नंबर स्टॉप में मोबाइल फूड लैब ने चांदी की वर्क वाली मिठाई के सेंपल लिए। जब लैब में इसकी जांच की गई तो पता चला कि यह एल्युमिनियम है ना कि चांदी। इसे खाने से लीवर डैमेज होने की संभावना बढ़ जाती है।
पब्लिक एनालिस्ट ने बताया कि गुरूवार को लैब ने 34 खाद्य पदार्थों के सेंपल लिए। इसमें से 13 मिस ब्रांडेड निकले हैं तथा 2 अनसेफ पाए गए हैं। मिस ब्रांडेड प्रोडक्ट बेचने वाले दुकानदारों को समझाईश दी गई कि वह बिना बैच नंबर व पैकिंग डेट वाले प्रोडक्टों को न बेंच। नहीं तो कंपनी के साथ साथ उन पर भी कार्रवाई तय है।
बुधवार की तरह गुरुवार को भी अन्य दुकान से दूसरी कंपनी का लाल मिर्च पाउडर पकड़ा गया है। इसमें ऑयल साल्यूबल सिंथेटिक कलर की मिलावट पाई गई है। यह कलर भी किडनी, लीवर आदि को डैमेज करता है। पब्लिक एनालिस्ट केसी मालवीय ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी को निर्देशित कर दोनों अनसेफ खाद्य पदार्थों के लीगल सेंपल ले लिए हैं, ताकि कंपनी व दुकानदार पर कार्रवाई हो सके।
यहां से लिए इन पदार्थों के सेंपल
फूड लैब की टीम ने 10 नंबर स्टॉप स्थित ब्रजवासी स्वीट्स पर रखे खाद्य प्रोडक्टों की जांच की। इस दौरान वहां पर मिक्स नमकीन, सादी बूंदी के पैकेट पर प्रॉपर डिक्लरेशन नहीं था। आपूर्ति प्रोटीन पर रखे जेबी ब्रांड टोस्ट में तो बैच नंबर, पेकिंग डेट आदि नहीं था। आशीर्वाद दुकान से नमकीन सेव के पैकेट में बैच नंबर और पेकिंग डेट, कुशल के नमकीन तथा मूंगफली के नमकीन दाने में डिक्लेरेशन नहीं लिखे मिले हैं। जय हिंद बेकरी के लाल मिर्च पाउडर के साथ साथ अन्य दुकानों से लिए गए काजू फ्राई, पोटेटो चिप्स आदि के पैकेट मिसब्रांडेड निकले हैं। सभी मिसब्रांडेड प्रोडक्टों के लीगल सेंपल खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने लिए।
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