भोपाल। इस बार वैलेंटाइन डे एवं महाशिवरात्रि एक साथ मनेगी। ऐसे में शहर में फूलों की मांग अभी से बढ़ गई है। फूल व्यापारियों ने भी महाशिवरात्रि से पहले दुकानों में भारी मात्रा में फूल मंगाना शुरू कर दिए हैं। सबसे ज्यादा मांग गेंदे व गुलाब के फूलों की है।
फूल व्यापारी मोहल माली ने बताया कि फूलों की सबसे ज्यादा मांग महाशिवरात्रि पर ही होती है, क्योंकि हर उम्र के लोग इस महापर्व पर भगवान भोलेनाथ को फूल अर्पण करते हैं। वहीं इस बार तो वैलेंटाइन डे भी इसी दिन आ रहा है। इस कारण फूलों की बिक्री कई गुना बढ़ जाने की उम्मीद है। वैलेंटाइन डे व महाशिवरात्रि पर गुलाब के फूलों की मांग को पूरी करने के लिए व्यापारियों ने अभी से फूल मंगाना शुरू कर दिया है। कम दाम होने के कारण देशी गुलाब खरीदना व्यापारियों को रास आ रहा है।
गौरतलब है कि शहर के गुफा मंदिर, बड़वाले महादेव मंदिर, बिड़ला मंदिर, मां चामुंडा दरबार, नेहरू नगर स्थित मां पाताल भैरवी मंदिर व मां भवानी मंदिर समेत अन्य सभी मंदिरों में कई क्विंटल फूल, बेल पत्ती, अकौवे की माला व धतूरे का चढ़ावा महाशिवरात्रि पर चढ़ता है। ऐसे में शहर में हजारों क्विंटल फूलों की मांग होती है। जिसकी पूर्ति अन्य राज्यों से फूल मंगाकर की जाती है।
सबसे महंगा मोगरा, मुंबई, पूणे तक से आते हैं फूल
फूल व्यापारियों का कहना है कि यूं तो महाशिवरात्रि पर सबसे ज्यादा मांग गेंदे, सेवंती, रजनीगंधा और अन्य फूलों की होती है। इसके साथ ही अकौवे के फूल एवं धतूरे की मांग भी रहती है जो आसानी से पूरी कर दी जाती है। ऑरकेड, जरवेरा, ऑस्टर समेत 4 तरह के रंगों के बिजली फूल मुंबई, पूणे व नागपुर से मंगाए जाते हैं। इसके साथ ही गेंदे के फूलों की मांग को रतलाम से मंगाकर पूरा किया जाता है। फूल व्यापारी मोहन माली ने बताया कि सबसे ज्यादा सुगंधित व महंगा मोगरा व का फूल होता है, जो मधुरा व नागपुर से मंगाया जाता है। आम नागरिकों को यह 500 से 700 रुपए किलो तक में मिल पाता है।
ग्रामीण क्षेत्रों से मंगाए जाते हैं देशी गुलाब
फूल व्यापारियों ने बताया कि गेंदे के फूल के बाद सबसे ज्यादा मांग गुलाब, लिली एवं रजनीगंधा के फूलों की होती है। इन फूलों की खेती राजधानी के इस्लाम नगर, ईंटखेड़ी समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों में बड़ी मात्रा में जाती है। शहर में इन गावों में उगाए जाने वाले देशी गुलाब के फूलों की खासी डिमांड रहती है। इनकी कीमत भी बाहर से मंगाए जाने वाले गुलाब से कम होती है।
आधार होता है गेंदा, अन्य रंगों के फूलों से होती है सजावट
बड़वाले महादेव मंदिर समिति के प्रकाश मालवीय व विजय चतुर्वेदी ने बताया कि मंदिर को हर साल की तरह इस साल भी फूलों से सजाया जाएगा। फूलों से ही बाबा बटेश्वर का भव्य श्रृंगार किया जाता है। इसमें गेंदे का फूल आधार (बेस) होता है। जिसके ऊपर मोगरा, लिली, बिजली, व रजनीगंधा समेत अन्य रंग बिरंगे फूलों से तरह-तरह की सजावट की जाती है। आम दिनों में जहां एक क्विंटल के करीब फूल मंदिर में चढ़ावे में आते हैं, वहीं महाशिवरात्रि पर मंदिर में करीब 6 क्विंटल फूल चढ़ाए जाते हैं।
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